छत्तीसगढ़ के विवादित और कई गंभीर मामलो के कुख्यात आरोपी निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट ने फ़िलहाल कोई भी राहत नहीं दी है | इस कुख्यात आरोपी ने उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में एक याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अपने विरुद्ध विभिन्न मामलों में की जा रही जांच को सीबीआई से कराने की मांग की थी | इस याचिका पर शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश अरुण मिश्रा और रविंद्र भट्ट की पीठ ने सुनवाई की |
निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क पेश किया कि छत्तीसगढ़ सरकार मुकेश गुप्ता पर झूठे मामले पर मामले दर्ज करते जा रही हैं | उनके मुताबिक चाहे वह नान घोटाले का मामला हो या या अन्य मामले , यह सभी प्रकरण पूर्वाग्रह से ग्रसित है | वही दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तर्क रखा कि मुकेश गुप्ता के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के पर्याप्त सबूत हैं | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने भी अपनी दलीले पेश की | जबकि आईएएस अनिल टुटेजा की ओर से अवनींद्र सिंह ने पैरवी कर अपना पक्ष रखा | बताया जाता है कि आरोपी मुकेश गुप्ता ने नान घोटाले को लेकर अनिल टुटेजा को भी उच्चतम न्यायालय में पार्टी बनाया है | दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से जवाब मांगा है | मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर 2019 तय की गई है | सुनवाई के दौरान आरोपी मुकेश गुप्ता की ओर से तमाम प्रकरणों में तत्काल राहत की मांग की गई थी | इस पर न्यायालय ने फिलहाल मुकेश गुप्ता को कोई राहत नहीं दी है |