रायपुर / राजधानी रायपुर में जमीनों की खरीद फरोख्त करने वाले दो बड़े कारोबारियों ने एक शख्स को करोड़ों का चूना लगाया | आरोपियों के खिलाफ चार सौ बीसी का प्रकरण भी दर्ज हुआ | चार में से तीन आरोपी जेल की हवा खा रहे है , लेकिन ठगी का मास्टर माइंड खुलेआम घूम रहा है | जबकि स्थानीय थाने के पुलिस कर्मी उसे लंबे अरसे से फरार बता रहे है | उधर ठगराज पुलिस को अपनी जेब में रखने का दावा करने के साथ साथ पीड़ितों पर मामला वापस लेने का दबाव बना रहा है | इसके लिए वो पीड़ितों को फर्जी मामले में फंसाने लेकर अंजाम भुगतने की धमकी दे रहा है | पीड़ित रायपुर के पुलिस अधीक्षक और पुलिस महानिरीक्षक से आरोपी की गिरफ्तारी और उन्हें न्याय दिलाने की गुहार लगा रहे है |

रायपुर में जमीनों की खरीद फरोख्त को लेकर फर्जीवाड़ा आम बात है | मामले के खुलासे के बाद अक्सर पुलिस आरोपियों को धर दबोचने में कोई कसर बाकि नहीं छोड़ती | लेकिन कई ऐसे आरोपी भी है , जो दावा करते है कि स्थानीय पुलिस अफसरों से उनकी जबरदस्त सेटिंग है | तभी तो उनके गिरेहबान में हाथ डालने की कोशिश नहीं होती | भले ही पुलिस सहआरोपियों को गिरफ्तार कर जेल में ठूस दे | लेकिन फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड को मिल रहा पुलिसियां संरक्षण चर्चा का विषय बन जाता है | ऐसा ही मामला सामने आया है , रायपुर के मोवा-पंडरी इलाके में जहाँ आरोपियों ने एक प्राइवेट बैंक से सांठगाठ कर पीड़ित के फर्जी हस्ताक्षरों के जरिये लगभग चार करोड़ की रकम निकाल ली | इस रकम की बंदरबाट करने में आरोपियों ने कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी | बैंक अफसरों के अलावा रजिस्ट्री दफ्तर के बाबुओं की भी हिस्सेदारी तय की गई | आरोपियों के खिलाफ चार सौ बीसी का प्रकरण दर्ज होने के बाद स्थानीय पुलिस अफसरों की भी हिस्सेदारी सामने आ रही है | बताया जा रहा है कि आरोपियों में से एक मुकेश अग्रवाल नामक शख्स दावा कर रहा है कि उसकी गिरफ्तारी ना होने की वजह और कुछ नहीं बल्कि नगद नारायण की वो अनूठी परंपरा है , जो थानेदार साहब स्वीकारने में जरा भी परहेज नहीं करते | दावे जो भी हो लेकिन इस सनसनीखेज मामले में आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने से मोवा-पंडरी थाने के जिम्मेदार अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवालियां निशान लग रहा है |

बताया जाता है कि मोवा इलाके में मोहम्मद इदरीश और उनके परिजनों की कई एकड़ जमीन स्थित है | इस जमीन के कुछ हिस्से को जमीनों की खरीदी बिक्री करने वाले कारोबारियों ने खरीदा था | लेकिन रकम के लेनदेन के दौरान चेक पर फर्जी हस्ताक्षर कर पीड़ित को करोडो का चूना लगाया गया | बताया जाता है कि दो कारोबारियों की ओर से जमीन खरीदने के लिए मोहम्मद इदरीश के नाम पर चेक जारी किये गए | बाद में आरोपियों ने इदरीश के फर्जी हस्ताक्षर कर बैंक से अलग-अलग तिथियों में लगभग चार करोड़ की रकम निकाल ली थी | पीड़ित की शिकायत के बाद पुलिस ने चार आरोपियों के खिलाफ चार सौ बीसी का प्रकरण दर्ज किया था | इसमें मुकेश अग्रवाल , आफताब सिद्दीकी के अलावा अन्य दो आरोपियों को नामजद किया गया था | पुलिस ने फौरी कार्रवाई करते हुए आफताब सिद्दीकी और उसके दोनों साथियों को जेल की हवा खिला दी , लेकिन मामले का मास्टर माइंड मुकेश अग्रवाल को अभयदान दे दिया | पीड़ितों के मुताबिक मुख्य आरोपी खुलेआम घूम कर दावा कर रहा है कि स्थानीय पुलिस अफसर उसकी जेब में है | पीड़ितों की दलील है कि मुकेश अग्रवाल की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते फर्जीवाड़े में शामिल रजिस्ट्री दफ्तर के बाबुओं और बैंक कर्मियों के हौसले भी बुलंद है | पीड़ितों के मुताबिक मामले को रफा-दफा करने के लिए खुलेआम घूम रहा आरोपी उन पर दबाव बना रहा है | उन्हें मामला वापस लेने या फिर अंजाम भुगतने की धमकी देने के साथ साथ फर्जी मामलों में फंसाने की चेतावनी भी दी जा रही है | पीड़ितों ने एसएसपी आरिफ शेख और रायपुर रेंज के आईजी आनंद छबड़ा से तत्काल कड़ी कार्रवाई की मांग की है |
