गेंदलाल शुक्ला
कोरबा। जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है, हम प्रेम से सबको जोड़ेंगे मर्यादा को नही तोड़ेंगे । राष्ट्र प्रेम की यह अभिव्यक्ति प्रकट हुई कोरबा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथ संचलन में । सैंकड़ों स्वयंसेवक इसमे शामिल हुए । भ्रमण पथ पर अनेक स्थानों में लोगों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया |
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कोरबा केंद्र स्तर पर विजयादशमी उत्सव एसईसीएल हेलीपैड मैदान, घंटाघर मार्ग में आयोजित किया । निर्धारित समय अनुसार अपरान्ह बजे विभिन्न क्षेत्रों के पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकगण यहां एकत्रित हुए । सामान्य प्रक्रिया की पूर्ति के बाद संघ के घोष दल की अगुवाई में भव्य पथ संचलन प्रारंभ हुआ। घंटाघर चौराहा, मुख्य मार्ग, नेताजी सुभाषचंद्र बोस चौराहा , डॉ राजेन्द्र प्रसाद नगर, एसबीआई कॉलोनी, महाराणा प्रताप नगर में पथ संचलन का स्वागत नागरिक समाज ने पुष्प वर्षा कर किया । इन क्षेत्रों से होते हुए पथ संचलन हेलीपैड मैदान पर पहुचकर पूर्ण हुआ। अगले चरण के कार्यक्रम में स्वयंसेवकगणों की ओर से लयबद्ध व अनुशाषित व्यवस्था में शारीरिक प्रदर्शन, दंड योग प्रस्तुत किए गए। कोरबा सर्वश्रीवास समाज के जिलाध्यक्ष मोहनलाल श्रीवास के मुख्य आतिथ्य व नगर संघ चालक डॉ विशाल उपाध्याय की उपस्थिति में मंचीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
मुख्य वक्ता डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने उपस्थित नागरिकों और स्वयं सेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विजयादशमी का उत्सव आज यहां रामायण की रचना करने वाले महर्षि वाल्मीकि की जयंती और शरद पूर्णिमा पर आयोजित किया गया, यह अत्यंत महत्वपूर्ण संयोग है । विजयादशमी को सीमोल्लंघन पर्व निरूपित करते हुए उन्होंने कहा कि अतीत में अंग्रेजों को भारत से खदेड़ने का संकल्प भी हमारे पूर्वजों ने लिया, इसलिए यह उत्सव अब भी प्रासंगिक है। संघ की स्थापना के परिपेक्ष्य में डॉ हेडगेवार की अवधारणा को रेखांकित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस देश की युवा शक्ति संगठित होती है, वह देश असाधारण बन जाता है । संघ का स्थायी रूप से मानना है कि विजयादशमी का पर्व हमारे लिए हर बार देश के भीतर मौजूद बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प दिवस है। सज्जन शक्ति को संगठित कर श्रेष्ठ कार्यों में उसकी उपयोगिता तय की जाए, यह ध्येय को सामने रख कार्य जारी है । भारत देश में रहने वाले भारतीयों से बेहतर संवाद, संपर्क, सेवा, सामाजिक सरोकार, हर स्तर पर अनुकरण योग्य कार्य किये जाए, इस परोपकारी भाव को अग्रसित किया जा रहा है। डॉ सुरेन्द्र ने कश्मीर, लक्षद्वीप , केरल में आई बाढ़ के दौरान आरएसएस की ओर से किये गए सेवा कार्यों को सामने रख बताया कि हम ऐसे सभी कार्य जाति बिरादरी को किनारे रख करते है। क्योंकि हमारे लिए सभी भारतीय समान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि गुरु गोविंद सिंह सहित सभी महापुरुष समाज के प्रेरक है, ऊर्जा के स्रोत हैं, इसलिए उनकी जयंती एक नही, बल्कि सभी समाज को मनाना चाहिए। सामाजिक बिखराव की स्थिति को लेकर आपने कहा कि कुटुम्ब प्रबोधन जैसी गतिविधियों से परिवार की शक्ति को संगठित किया जा रहा है। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण, सद्भाव और सामाजिक समरसता को लेकर भी उन्होंने प्रेरणादायक विचार रखे। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग, जिला, नगर और उप नगर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की काफी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन शरद पूर्णिमा के प्रसाद वितरण से हुआ।
