अरविंद यादव /
महासमुंद / जिले के ग्राम पंचायत में एक और भष्ट्राचार सामने आया है | ताजा मामला पिथोरा ब्लॉक के पिपरोद ग्राम पंचायत का है | जहां बिना ग्राम पंचायत प्रस्ताव के, बिना काम कराये लगभग 20 से 23 लाख रुपये, 14 वे वित्त और मुलभुत की राशी का सरपंच और सचिव ने फर्जी प्रस्ताव कर निकाल लिया , और कुछ भी काम नहीं किया गया है | सरपंच और सचिव की मनमानी से गांव के लोग भी काफी परेशान है , और सचिव और सरपंच के खिलाफ कार्यवाही की मांग कर रहे है | मामला महासमुंद कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद जाँच कर कार्यवाही की बात कही है |

ग्राम पंचायत में विकास के लिए सरकार से 14 वे वित्त की राशि दी जाती है | 14 वित्त में लाखों रुपए की राशि ग्राम पंचायत के विकास के लिए जारी होती है | लेकिन ग्राम पंचायत के सचिव और सरपंच ने मिलकर इस 14 वे वित्त राशि और मुलभुत की राशि का आहरण कर जमकर भ्रष्टाचार किया है | ताजा मामला पिथोरा ब्लॉक के पिपरोद ग्राम पंचायत का है जहां सरपंच विश्वनाथ बरिहा और वर्तमान सचिव हरी चरण चौहान और पूर्व सचिव ने ग्राम पंचायत प्रस्ताव के बिना लगभग 20 से 23 लाख रुपये, निकाल लिए है | कागज में इस ग्राम पंचायत में लाखो रुपये के कई CC रोड बन चुके है, लगभग 11 लाख रुपये का नलजल योजना संचालित है | गांव में लगभग 3 लाख रुपये का स्ट्रीट लाईट लगाया गया है, सभी मोहल्ले में लाखो रुपये का नाली निर्माण किया गया है, सभी हितग्राही को स्वच्छ भारत मिशन में बने शौचालय की 12000 की राशि भी दे दी गई है | जबकि इसके उलट कोई भी काम मौके पर नहीं हुआ है | गांव में कीचड़ से भरी हुई सड़क है | बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है, पेयजल व्यवस्था नहीं है, बोर खनन निजी लोगो ने कराया है उसका बिल ग्राम पंचायत से निकाल लिया गया है | बिजली, सड़क, पेयजल के लिए लाखों रुपए निकाला गया है | गांव में सरपंच और सचिव को लेकर लोगो में भारी आक्रोश भी है |

दरअसल गांव में विकास के नाम पर कोई कार्य नहीं हुआ है | लेकिन विकास के लिए आये राशि का बंदरबाट सरपंच और सचिव कर रहे है | गांव में स्वच्छ भारत मिशन के तहत आये 12000 रूपये किसी हितग्राही को नहीं दिया गया और लाखो रुपये इस मद का भी निकाल लिया गया है | हितग्राही आज भी भटक रहे है | इस ग्राम पंचायत में सरपंच विश्वनाथ बरिहा और वर्तमान सचिव हरी चरण चौहान की ऐसी मनमानी है की बिना पंचो से पूछे ग्राम पंचायत प्रस्ताव के फर्जी प्रस्ताव बनाकर लाखो रुपये निकाल रहे है | गांव के वार्ड नम्बर 7 में कागज में बोर खनन हो चूका है,टंकी निर्माण हुआ है | जबकि मौके पर कुछ काम हुआ ही नहीं |
सरपंच और सचिव के कारगुजारियो के बारे में जब जिला कलेक्टर को अवगत कार्य गया है तो उन्होंने जांच कर कार्यवाही का भरोषा दिया है | अब देखने वाली बात यह होगी क्या मामले पर कोई कार्रवाई होती है ? या फिर अन्य मामलों की तरह इसे भी ठंडे बस्ते में डालकर भ्रष्ट्राचारियो को प्रोत्साहित किया जायेगा |
