UP SIR : प्रक्रिया इस समय देश के 12 राज्यों में चल रही है और निर्वाचन आयोग ने हाल ही में इसकी अंतिम तारीख बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है। इस बीच SIR को लेकर राजनीतिक घमासान तेज है। विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस, ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए आयोग पर ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी कई बार चुनाव आयोग और भाजपा पर SIR के बहाने हमलावर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस SIR मुद्दे को कांग्रेस जोर-शोर से उठा रही है, उसी प्रक्रिया के लिए पार्टी ने UP SIR के तहत यूपी के 17 जिलों में बूथ लेवल एजेंट (BLA) ही नियुक्त नहीं किए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 1.62 लाख पोलिंग बूथ हैं। भाजपा ने 98.37% BLAs नियुक्त किए हैं, सपा के पास 87.46%, बसपा के पास 85% BLAs हैं, जबकि कांग्रेस मात्र 49,121 BLAs के साथ 30% पर ही ठहरी हुई है। कांग्रेस ने सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली, सुल्तानपुर, बलिया, भदोही, मऊ, बहराइच, प्रयागराज, आंबेडकरनगर, हमीरपुर, कन्नौज, कानपुर देहात, कौशांबी, औरेया और संत कबीर नगर जैसे 17 जिलों में एक भी BLA नियुक्त नहीं किया है।
बूथ लेवल एजेंट SIR प्रक्रिया में बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। वे मतदाता सत्यापन, लिस्ट अपडेट और पार्टी हितों की रक्षा के लिए मतदाता सूची के हर बदलाव पर नजर रखते हैं। बावजूद इसके, कांग्रेस इस मोर्चे पर काफी पीछे दिखाई देती है। हालांकि ललितपुर, चित्रकूट, अमेठी, बदायूं, पीलीभीत और श्रावस्ती जैसे जिलों में पार्टी ने 100% BLAs नियुक्त किए हैं।
कांग्रेस का यह हाल तब है जब वह लगातार चुनाव आयोग पर SIR को लेकर सवाल उठा रही है और भाजपा पर सांठगांठ के आरोप लगा रही है। लेकिन यूपी में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा कमजोर होने से SIR जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया में भी उसका प्रदर्शन कमजोर नजर आता है। यह स्थिति कांग्रेस के लिए आने वाले चुनावों में बड़ी चुनौती बन सकती है।
