Vande Mataram Parliament Discussion: राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ के 150 साल पूरे होने पर संसद के विंटर सेशन में विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा. चर्चा के लिए 10 घंटे का समय रखा गया है. इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने स्वीकृति दे दी है. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस प्रेरक गीत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर चर्चा होगी.
पीएम मोदी चर्चा में होंगे शामिल
‘वंदे मातरम’ पर होने वाली चर्चा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 30 नवंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में लोकसभा और राज्यसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में इस प्रस्ताव को लेकर सहमति बनी है. सरकार में शामिल दलों के सदस्यों ने इसकी वकालत की थी. इसके साथ ही एनडीए सदस्यों ने राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा की वकालत की थी.
पीएम ने डाक टिकट और सिक्का जारी किया
वंदे मातरम के 150 साल पूरा होने पर 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 नवंबर को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की थी. जहां उन्होंने डाक टिकट और सिक्का जारी किया था. इसके साथ ही उन्होंने vandemataram150.in पोर्टल भी जारी किया. इस पर लोग राष्ट्रीय गीत गाते हुए अपनी वीडियो अपलोड कर सकते हैं और प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकते हैं.
150 साल पहले बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने लिखा
साल 1875 में ‘वंदे मातरम’ बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने आनंद मठ नामक किताब में लिखा था. जो बाद में स्वतंत्रता संग्राम का गीत बन गया. स्वतंत्रता सेनानी इस गीत को गाकर आमजन में आजादी की क्रांति का प्रसार करते थे. सबसे पहले इसे सार्वजनिक रूप से कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में 1896 में गाया गया. देश में संविधान लागू होने के बाद 24 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रगीत के तौर पर चुना गया.
