SIR Form Fraud : को लेकर चुनाव आयोग ने साफ चेतावनी दी है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान किसी भी तरह की गलत जानकारी देना अपराध है। देश के 12 राज्यों में चल रही इस प्रक्रिया का उद्देश्य वोटर लिस्ट को अपडेट करना और दोहराव को खत्म करना है। कई बार लोगों के नाम पैतृक गांव और वर्तमान पते—दोनों जगहों पर दर्ज मिलते हैं, जिससे दो वोटर आईडी बनने की संभावना रहती है। यह न केवल नियम के खिलाफ है, बल्कि आगे चलकर कानूनी परेशानी भी पैदा कर सकता है।
दो जगह नाम होने पर बढ़ सकती है मुश्किल
अगर किसी व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग जगहों पर दर्ज है, तो उसे तुरंत यह जानकारी अपने क्षेत्र के बीएलओ को देनी चाहिए। ऐसा न करने पर यह SIR Form Fraud की श्रेणी में आता है और सीधे सजा का कारण बन सकता है।
जानें क्या है सजा का प्रावधान
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट, 1950 की धारा 31 के अनुसार, गलत जानकारी देने या दो वोटर आईडी रखने पर 1 साल की जेल, या जेल और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। ऐसे मामलों में व्यक्ति को फॉर्म-7 भरकर अपना नाम एक स्थान से हटाना अनिवार्य है।
कब कट सकता है नाम – जानें नियम
फॉर्म-7 भरते समय मतदाता को नाम, EPIC नंबर, परिजन का नाम और मोबाइल नंबर देना होता है। वोटर लिस्ट से नाम हटाने के कारणों में शामिल हैं:
मतदाता की मृत्यु
कम उम्र
लंबे समय तक गैर-मौजूदगी
एक ही व्यक्ति के दो वोटर आईडी
भारतीय नागरिक न होना
