अफ्रीका की धरती पर पहली बार आयोजित हुआ G20 शिखर सम्मेलन शुरू हो चुका है. दुनिया की बड़ी शक्तियों के नेता G-20 के प्रमुख हॉल में पहुंचे। लेकिन इस बार अमेरिका की गैरमौजूदगी में पहली बार नेताओं ने घोषणा पत्र पर मुहर लगाई गई. दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की सरकार ने अमेरिकी बहिष्कार और केवल एकतरफा बयान जारी करने के दबाव के बावजूद, अन्य G20 सदस्यों का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया और एक घोषणा को अंतिम रूप दिया और अपनाया. रामाफोसा ने पहले कहा था, ‘हम डरेंगे नहीं’.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मीटिंग में शामिल हुए . दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने उनका औपचारिक स्वागत किया. पीएम मोदी ने अपनी स्पीच के दौरान जी20 के मंच पर 3 बड़ी वैश्विक चुनौतियां गिनाते हुए उसके हल का प्रपोजल भी रखा है, जिसमें से एक आतंकवाद की रीढ़ तोड़ कर रख देगा.यह समिट ऐसे समय हो रहा है जब वैश्विक अर्थव्यवस्था, जलवायु संकट और असमानता जैसे बड़े मुद्दों पर दुनिया किसी साझा समाधान की तलाश में है, और भारत की भूमिका इस बार भी बेहद अहम मानी जा रही है. G20 प्रोटोकॉल के मुताबिक भाषण प्रसारित नहीं होगा. इसीलिए जी-20 के आधिकारिक वीडियो फीड की आवाज बंद कर दी गई है. बता दें, इस वर्ष दक्षिण अफ्रीका ने अपने जी20 थीम के रूप में ‘एकजुटता, समानता और सततता’ को चुना है. इस थीम को आगे बढ़ाते हुए दक्षिण अफ्रीका ने उन नतीजों को भी शामिल किया है जो पहले नई दिल्ली और रियो द जनेरियो में हुए सम्मेलनों में सामने आए थे.
