किशोर साहू
बालोद | वर्षों से चली आ रही रामलीला नाटक भले ही आज लोग भूलते जा रहे हो | लेकिन 36 बेटियों की टोली ने आज भी छत्तीसगढ़ में इस परंपरा को बनाए रखा है | रामलीला के सभी पात्र व पत्रों के किरदार स्वयं गांव की बेटियां निभा रही है | जहाँ माता सीता व सीता हरण करने वाले लंकापति रावण दोनों ही भूमिका में बालिका है | रामानंद सागर द्वारा भगवान श्री राम पर बनाई गई सीरियल रामायण तो आप सब ने टीवी पर कुछ साल पहले खूब देखी और सुनी होगी | इस सीरियल में पुरुष का पात्र पुरुष व महिला का पात्र महिला ही निभाया करती थी | लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बतलाने जा रहे , जहां रामलीला के रंगमंच में महिला हो या पुरूष सभी के पात्र गांव की बेटियाँ निभाती है | मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता व भ्राता लक्ष्मण का 14 वर्ष वनवास को प्रदर्शित करता यह दृश्य इसमें तीनों ही पात्र गांव की बेटियां निभा रही है |
छत्तीसगढ़ की 36 बेटियों की इस रामलीला मंडली में हर किसी की अलग-अलग भूमिका है | माता सीता व सीता हरण करने वाले लंकापति राजा रावण या फिर सीता हरण के दौरान माता सीता को बचाने पहुचे गरूड़ पक्षी | हर कोई अपनी भूमिका बखूबी निभा रही है | इसमें ख़ास बात यह है कि रामलीला मंडली में इस बार सगी बहनें राम और रावण की भूमिका में हैं छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर छोटे से इस गांव टेकेपार में रामलीला नाटक की परंपरा पिछले 70 सालों से चली आ रही है |
मंडली प्रमुखों ने बतलाया कि पहले सभी पात्र गांव के पुरुष वर्ग निभाया करते थे | समय के साथ बदलते परिवेष में रामलीला के पात्र निभाने वालो की कमी पड़ने लगी | ऐसे में गांव के पढ़े लिखे व मंडली के जागरूक लोग पांच साल पहले इसे बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ अभियान से जोड़ नए परंपरा की शुरुआत करने का फैसला लिया | हालांकि शुरुआती दौर में कुछ लोगो के तरफ से नई परंपरा को लेकर नाराजगी भी व्यक्त की गई | लेकिन बेटियों की महेनत व काबिलियत को देख सभी दंग रह गए और अब गांव की बेटियों के साथ आ खड़े हुए | अब जरूरत है ऐसे प्रतिभा की धनी बेटियों का उत्साहवर्धन कर आगे बढ़ाने में सहयोग करने की ।
यहां पिछले लगभग 70 सालों से हर वर्ष नवरात्र के दो दिन नवमी व दशहरे की रात्रि रामलीला नाटक आयोजन किया जाता है , जहाँ पिछले पांच सालों से रामलीला के सभी पात्र गांव की 36 बेटियां निभा रही है | बेटियों की महेनत ही है कि आज इनकी कला की पहचान जिले के साथ प्रदेश और अब देश मे होने लगी है | यही वजह है कि बेटियों की प्रतिभा को देखने जिले की कलेक्टर रानू साहू, सहित कई अधिकारी कर्मचारी गांव पहुचे | जहाँ कलेक्टर ने बेटियों को आगे बढाने हर संभव मदद करने की बात कही । रामलीला मण्डली में ये 36 बेटियां ना सिर्फ रामायण के प्रमुख पात्रों का किरदार निभा रही है , बल्कि इसके माध्यम से नारी सशक्तिकरण का संदेश भी दे रही है | इसमें ख़ास बात यह है कि रामलीला मंडली में इस बार सगी बहनें राम और रावण की भूमिका में हैं | राम के किरदार में दिव्या यादव और रावण के किरदार में संस्कृति यादव…इसके साथ ही नेहा जोशी हनुमान, की भूमिका में नजर आ रही….वही दो सगी बहन प्रियंका भारती सीता और राजनंदनी भारती सुग्रीव बने हुए हैं…इसके साथ विभिन्न पात्रों में प्रियंका यादव लक्ष्मण, हस्तिना रात्रि कुंभकरण, पूजा साहू मेघनाथ, सावित्री साहू अंगद, सीमा यादव बाली जैसे प्रमुख भूमिकाओं में हैं !


