लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निलंबित पुलिस उपाधीक्षक ऋषिकांत शुक्ला के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। जांच एजेंसियों को उनके घर और ठिकानों से करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है। इस खुलासे के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।
अखिलेश यादव का BJP सरकार पर हमला
इस मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर करारा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“जिनके करीबी और सहायक अधिकारी के पास 100 करोड़ की अवैध संपत्ति मिली है, सोचिए उनके पास खुद कितनी दौलत होगी और उनके उस ‘ऊपरवाले’ के पास कितनी होगी। बीजेपी राज मतलब ही भ्रष्टाचार का भंडार है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि योगी सरकार के सुशासन के दावे बार-बार झूठे साबित हो रहे हैं। हर विभाग में दलालों और रिश्वतखोरी का बोलबाला है।
SIT की जांच में खुलासा
विशेष जांच दल (SIT) की जांच में यह पाया गया कि ऋषिकांत शुक्ला ने अपने परिवार, साझेदारों और सहयोगियों के नाम पर 12 स्थानों पर संपत्तियां खरीदी हैं, जिनकी कुल कीमत करीब 92 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं, अन्य तीन संपत्तियों के दस्तावेज अब तक प्राप्त नहीं हुए हैं।
लंबा करियर, कई जिलों में तैनाती
जानकारी के मुताबिक, ऋषिकांत शुक्ला ने वर्ष 1998 से 2009 तक करीब 10 साल कानपुर नगर पुलिस में सेवा दी। बाद में उन्हें पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के रूप में प्रोन्नत किया गया और उन्नाव में तैनाती मिली। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग मैनपुरी में बताई जा रही है।
भ्रष्टाचार पर BJP की मुश्किलें बढ़ीं
इस मामले ने योगी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष का कहना है कि भाजपा शासन में भ्रष्टाचार और संरक्षण की राजनीति अपने चरम पर है। वहीं, शासन की ओर से अभी इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
