कोरबा : छत्तीसगढ़ का कोरबा जिला नेताओं और नौकरशाही की अवैध कमाई का मुख्य केंद्र बन गया है। नतीजतन, इस जिले की अफसरशाही राज्य सरकार के नेताओं के मान- सम्मान पर चोट मारने से भी पीछे नहीं है। इस घटना क्रम से जुड़े वीडियो और तस्वीरें देखकर कई लोग अपना पेट पकड़कर हंस भी रहे है। प्रदेश के सबसे बड़े कोल खनन परिवहन घोटाला हो या फिर DMF घोटाला, इसकी जड़े यही जमी बताई जाती हैं।

आम चर्चा है, कि इस जिले में पदस्थ होने वाले बड़े पदों के लिए ऊंची बोली लगती है। कोरबा के कलेक्टर और SP की महत्वता राजधानी रायपुर के कलेक्टर और SSP की तुलना में कही ज्यादा आर्थिक रूप से समृद्ध मानी जाती है। प्रतिभाशाली होने के साथ – साथ उनका प्रभावशील होना भी अफसरों की तैनाती का पैमाना बन गया है। “प्यार लो, प्यार दो” की तर्ज पर “एक हाथ दो, दूसरे हाथ तैनाती लो”, यह जुमला कोरबा के लिए राजनैतिक हलकों में लोगों की जुबान पर होता है। मौका राज्योत्सव का है, लिहाज़ा यहां पदस्थ अफसरों की संवेदनशीलता भी सुर्खियों में है। सोशल मीडिया में एक ऐसा वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही है, जो यहां के नगर निगम अमले की कार्यप्रणाली और संवेदनशीलता की ओर इशारा करती है।

आप तस्वीरों में देख सकते है, कि नगर निगम कोरबा के पशु वाहन में लादकर किस तरह से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव और अन्य जनप्रतिनिधियों के आदम कट आउट ढोएं जा रहे है। पशु ट्रॉली में लादे गए इन कट आउट में मंत्री दयाल दास बघेल, टंकराम वर्मा ,लखन लाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल समेत अन्य नेताओं की तस्वीरें साफ- साफ झलक रही है। पीले रंग की पशु ट्रॉली में लादकर ढोएं जा रहे, नेताओं के कट आउट देख कर लोग हैरानी जता रहे है। यही नहीं पशु ट्रॉली में नगर पालिक निगम कोरबा बड़े – बड़े अक्षरों में लिखा नज़र आता है।

इस ट्रोली की तस्वीरें और वीडियो बनाने के बाद कई राहगीरों ने इसे सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। अब निगम की ये हिमाक़त छत्तीसगढ़ सरकार के नामचीन नेताओं की मान-मर्यादा पर चोट के रूप में देखी जा रही है। जबकि कई लोग इसे त्रुटि और लापरवाही का मामला बताने से भी पीछे नहीं है। इस बीच मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के खेमों में ये तस्वीरें खासतौर पर पसंद की जा रही है। राजनैतिक मुद्दों की तलाश में जुटी कांग्रेस को इन तस्वीरों के जरिए बैठे बिठाएं बीजेपी के खिलाफ एक नया मुद्दा हाथ लग गया है।
हालांकि न्यूज टुडे छत्तीसगढ़ इन तस्वीरों और वीडियो की पुष्टि नहीं करता। चूंकि मामला अब तूल पकड़ चुका है, लिहाजा हमने नगर पालिक निगम कोरबा के अफसरों से संपर्क साधा, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है। फ़िलहाल ये बोलती तस्वीरें सरकारी अफसरों की अपने कार्य के प्रति गंभीरता से जोड़कर देखी जा रही है।
