नईम खान
मुंगेली की ओम शांति दुर्गा उत्सव समिति ने विगत 46 वर्षों से मातारानी सहित 5 अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति रखी जा रही है खासियत यह है कि 46 साल पहले जैसी मूर्ति स्थापित की जाती थी वो आज भी वैसे ही विराजित है | नगर में अलग अलग साज सज्जा से लोग मातारानी के दर्शन कर ले लेकिन महिसासुर रूपी दुर्गारानी के दर्शन कर लोग शांति की अनुभूति करते है | मुंगेली जिले में आज अलग अलग स्थानों में अलग अलग साज सज्जा के साथ मातारानी की आकर्षित मूर्ति विराजित है, जिसके दर्शन के लिए आसपास के लोगो सैलाब की तरह उमड़ रहे है | नवरात्रि में शहर की अलग ही धूम रहती है | लेकिन इससे भी इनसब से अलग सामान्य तरीके से ओम शांति दुर्गा उत्सव समिति की मूर्ति स्थापित की जाती है वो नगर की शांति व्यवस्था के लिए 1973 से रखी जा रही है | महिसासुर रूपी मातारानी की मूर्ति के साथ 5 अन्य देवी देवताओं की मूर्ति स्थापित की जाती है और विधि विधान के साथ इसकी पूजा अर्चना कर विसर्जन भी किया जाता है |
खासियत बात यह है कि यह मूर्ति का रूप 46 साल पहले जैसे था वो आज भी 5 देवी देवताओं के साथ ही विस्थापित किया जाता है | 1973 से यह समिति बनी और बिना किसी चंदा के सदस्य ही अपनी राशि लगाकर नगर की शांति व्यवस्था के लिए रखे जाते है | 1973 में इन सभी सदस्य अपने स्कूल में बदमाशी और लड़ाई झगड़े में मशगूल रहते थे, जिसपर सभी सदस्य अपने आपको शांत रखने और नगर में शांति व्यवस्था बने रहने के उद्देश्य से मूर्ति स्थापित की जा रही और आज ये सभी सदस्य नगर के प्रतिष्ठित नेता,व्यापारी और भी उच्च पदों में पदस्थ है ।
भले नगर मे मातारानी की आकर्षक मूर्तिया अलग अलग साज सज्जा में विराजित हो पर नगर में 46 सालो से महिसासुर रूपी मातारानी सहित 5 देवी देवताओं की मूर्ति के दर्शन करने के लोग जरूर आते है और इससे आज भी इनकी श्रद्धा जुड़ी हुई है । आधुनिकता के इस दौर में अलग अलग साज सज्जा से मातारानी की मूर्ति स्थापित कर उसे विधि विधान के साथ साथ विसर्जित भी कर दिया जाता है ,यह समिति नगर की जुलूस में हिस्सा नही लेती वरना आज के दौर में मुहूर्त विसर्जन का गाजे बाजे से तय किया जाता है | जिसके लिए यह समिति सामान्य रूपी से अलग पहचान बनाई है ।


