बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. महागठबंधन ने अपने इस घोषणा पत्र का नाम बिहार का ‘तेजस्वी प्रण’ दिया है. इस मौके पर महागठबंधन के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. महागठबंधन के इस साझा घोषणा घोषणा पत्र में पिछले कुछ दिनों में तेजस्वी यादव द्वारा किए गए चुनावी वादों को संकलित किया गया है. इंडिया गठबंधन की सरकार बनते ही 20 दिनों के अंदर राज्य के हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का अधिनियम लाया जाएगा. सभी जीविका दीदियों को स्थायी किया जाएगा और उन्हें सरकारी नौकरी का दर्ज दिया जाएगा. साथ ही उनका वेतन 30000 रुपये महीना किया जाएगा.

जानें क्या है महागठबंधन के मेनिफेस्टो में ?
- पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाएगा.
- माई-बहन मान योजना के तहत महिलाओं को 1 दिसंबर से प्रतिमा 2500 की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत विधवा और वृद्ध जनों को 1500 रुपया मासिक पेंशन दी जाएगी.
- सभी अनुमंडल में महिला कॉलेज की स्थापना की जाएगी.
- प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए फॉर्म और परीक्षा शुल्क समाप्त किया जाएगा.
- शिक्षकों, स्वास्थ्य कर्मियों सहित सभी सेवा के कर्मियों के गृह जिला के 70 किलोमीटर के दायरे में तैनात किया जाएगा.
- किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी दी जाएगी.
- हर व्यक्ति को जन स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत 25 लाख का मुक्त स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा.
- मनरेगा में मौजूद 255 दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर 300 किया जाएगा.
- आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाया जाएगा.
- अति पिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा.
- सभी अल्पसंख्यक समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की जाएगी.
- वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को पारदर्शी बनाया जाएगा.
- अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस होगा. दिव्यांग पेंशन ₹3000.
महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा दी जाएगी इसके लिए बिहार राज्य पद परिवहन निगम द्वारा 2000 नई बिजली बसें खरीदी जाएंगी.
वहीं, आशा और आशा फैसिलिटेटर को संविदा कर्मी का दर्जा देकर मासिक मानदेय 10000 किया जाएगा विद्यालय रसोईया और ममता कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 6000 मासिक मानदेय दिया जाएगा स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाई कर्मियों के लिए न्यूनतम 12000 मासिक मानदेय और अस्थाई करण की व्यवस्था की जाएगी. अधिवक्ताओं चिकित्सकों और पत्रकारों के संरक्षण के लिए विधेयक पारित किए जाएंगे.
