
रायपुर : छत्तीसगढ़ में IG और सब इंस्पेक्टर दंपत्ति के बीच छिड़ा विवाद अब पुलिस मुख्यालय में राजनैतिक रंग भी लेने लगा है। आरोप प्रत्यारोप के दौर में चर्चा में आई महिला ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी के खिलाफ आरोप और शिकायतों से इंकार किया है। उसके मुताबिक यौन शोषण जैसी कोई घटना उसके साथ अंजाम नहीं दी गई है। इस महिला ने उस पर लगे आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित जाँच समिति विवाद और ज्यादा गहरा गया है। उधर, मामले को लेकर गहमा-गहमी देखी जा रही है। सब इंस्पेक्टर दंपत्ति की कथित शिकायत की पुष्टि नहीं होने से नई राजनीति भी देखी जा रही है। इस मामले को आईपीएस अधिकारियों की आपसी प्रतिद्धन्द्धता से जोड़ कर देखा जा रहा है। पर्दे के पीछे राजनैतिक रंग में रंगे अधिकारियों की कार्य प्रणाली भी सुर्ख़ियों में है।
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एक जानकारी के मुताबिक 2003 बैच के आईपीएस रतन लाल डांगी को छुट्टी पर भेज दिया गया है, इसके साथ ही उन्हें पुलिस एकेडमी से PHQ अटैच करने की सुगबुगाहट भी तेज़ हो गई है। बताया जा रहा है, कि पुलिस मुख्यालय से आईपीएस अभिषेक पल्लव को चंद्रखुरी पुलिस एकेडमी स्थानांतरित करने की तैयारी जोरों पर है। जबकि रतन लाल डांगी को छुट्टी से लौटने के साथ ही PHQ अटैच करने वाला आदेश थमाने की कार्य योजना भी चर्चा में है। हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक तस्दीक नहीं हो पाई है, जबकि न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ से चर्चा करते हुए IG रतन लाल डांगी ने उनके छुट्टी पर जाने की तस्दीक की है।

छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में IPS रतन लाल डांगी V/S सब इंस्पेक्टर दंपत्ति मामला विवादों है। दरअसल , जिस आईपीएस अधिकारी को पुलिस एकेडमी चंद्रखुरी का प्रभार सौंपा जाना सुनिश्चित किया गया है, उनके ठिकाने पर भी पूर्व में सीबीआई की छापेमारी हो चुकी है। महादेव एप्प सट्टा घोटाले में शामिल आईपीएस अधिकारियों की फेहरिस्त में अभिषेक पल्लव का नाम भी शामिल बताया जाता है। इन साहब की शिकायते ED में भी लंबित बताई जाती है, जबकि IG रतन लाल डांगी की शिकायत पर सुर्ख़ियों में आई सब इंस्पेक्टर की पत्नी के बयानों से पुलिस मुख्यालय द्वारा गठित जाँच समिति के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। इस महिला ने साफ़ किया है, कि ना तो उन्होंने पुलिस मुख्यालय में कोई शिकायत की है, और ना ही यौन शोषण जैसी कोई घटना उनके साथ अंजाम दी गई है ।

मीडिया में सामने आये इस महिला के वक्तव्य में यह भी कहा गया है, कि IG साहब की शिकायत पर जाँच होने दीजिए ? वो पूरे सबूतों के साथ सबके सामने आएँगी। उनके इस वक्तव्य को किसी षड्यंत्र से जोड़कर भी देखा जा रहा है। दावा यह भी किया जा रहा है,कि जानबूझ कर इस विवाद को छेड़कर सब इंस्पेक्टर दंपत्ति का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया जा रहा है। PHQ के एक अधिकारी के मुताबिक दोनों पक्षों के दावे – प्रतिदावे से मामला जटिल हो गया है। उनके मुताबिक मामले की जाँच के उपरांत ही किसी नतीजे पर पंहुचा जा सकता है। उन्होंने साफ़ किया, कि PHQ में इन दिनों घोर निराशा और प्रतिद्धन्द्धता के चलते अनुशासनहीनता जोरो पर है, पुलिस मुख्यालय राजनीति का अड्डा बन चुका है। उन्होंने यह भी तस्दीक की, कि IG रतन लाल डांगी की शिकायत पर गंभीरता दिखाने के बजाय उन पर एक तरफ़ा गाज गिराने का ताना -बाना पहले ही बुन लिया गया है, इसी के तहत डांगी को छुट्टी पर रवाना किया गया है, जबकि उन्होंने ही अपनी आप बीती से DGP को रूबरू कराया था।

इस वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस प्रकरण में 2001 बैच के आनंद छाबड़ा को जाँच अधिकारी बनाने और गोपनीय शिकायत को सार्वजानिक कर PHQ में अनावश्यक रूप से गतिरोध पैदा किया गया, इस मामले की भी जाँच जरुरी है, अन्यथा अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवालियां निशान ऐसे ही लगते रहेंगे। नाम ना जाहिर करने की शर्त पर इस अधिकारी ने यह भी कहा, कि डांगी विवाद में सामने आए सब इंस्पेक्टर दंपत्ति की चल अचल संपत्ति की जाँच भी बेहद जरुरी है। उन्होंने साफ़ किया, कि इस तरह के प्रकरणों से पुलिस की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, वरिष्ठ अधिकारियों की मान प्रतिष्ठा दांव पर है, सच्चाई तो अब सामने ही आना चाहिए ?
फ़िलहाल, IPS रतन लाल डांगी V/S सब इंस्पेक्टर दंपत्ति विवाद को लेकर ना तो DGP की ओर से कोई प्रतिक्रिया मिल पाई है और ना ही सुर्ख़ियों में आये IG डांगी ने जाँच पूरी होने तक कोई भी प्रतिक्रिया ना जाहिर करने की दलील दी है। हालांकि बातचीत के दौरान उन्होंने अंदेशा जाहिर किया है, कि किसी षड्यंत्र के तहत उन्हें फंसाने की कवायतें जोरों पर जारी है।
