रायपुर / कवर्धा : छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में यौन उत्पीड़न के एक मामले की जाँच को लेकर बवाल मचा है,दरअसल 2003 बैच के एक वरिष्ठ आईपीएस और एक महिला सब इंस्पेक्टर दंपत्ति के बीच आरोप – प्रत्यारोप एवं ब्लैकमेलिंग मामले की जाँच का ज़िम्मा जिस कमेटी को सौंपा गया है, उस दो सदस्यीय कमेटी की निष्ठा को लेकर सवालियां निशान लग गया है। दरअसल, इस कमेटी में शामिल 2001 बैच के इस IPS अधिकारी की भी कार्यप्रणाली गंभीर संदेह और जाँच के दायरे में बताई जाती है, उसके ठिकानों पर CBI की छापेमारी हो चुकी है। यही नहीं यह पूरा मामला पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने की क़वायतो से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है, कि यौन उत्पीड़न मामले की जाँच को लेकर पुलिस मुख्यालय का दरवाज़ा खटखटाने वाले IG का नाम रायपुर के नए पुलिस कमिश्नर की फेहरिस्त में शामिल था। लिहाज़ा पुलिस कमिश्नर की दौड़ से बाहर करने के लिए इस IG को सुनियोजित रूप से निशाना बनाया गया है। पर्दे के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल गिरोह में शामिल आईपीएस अधिकारियों की भूमिका महत्त्वपूर्ण बताई जा रही है।

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एक जानकारी के मुताबिक यौन शोषण और उत्पीड़न विवाद में शिकायतकर्ता सब इंस्पेक्टर दंपत्ति का 2005 बैच के आईपीएस शेख आरिफ से करीब का नाता बताया जाता है, जबकि इस प्रकरण की जाँच कमेटी में शामिल 2001 बैच के IPS अधिकारी पर भी कई गंभीर आरोप है, इनमे से एक कवर्धा के तत्कालीन SP के कार्यकाल के दौरान किसी पूजा नामक महिला को अपनाये जाने के मामले ने अचानक एक बार फिर सुर्खियाँ बटौर ली है। सूत्रों के मुताबिक,यौन उत्पीड़न कमेटी के एक महत्त्पूर्ण सदस्य ख़ुद किसी पूजा नामक महिला के चक्कर में बताए जाते है। यह भी बताया जाता है, कि IG स्तर का यह अधिकारी भी महिलाओं का ना केवल शौकीन, बल्कि षडयंत्र के तहत जाँच कमेटी में शामिल किया गया है,अब उसकी सिफारिश करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की निशानदेही को लेकर भी अच्छा ख़ासा बवाल खड़ा हो गया है। दावा किया जा रहा है, कि महिला उत्पीड़न जाँच समिति में शामिल यह आईपीएस अधिकारी भी “डबल इंजन” घरेलू सरकार का मुख्य कार्यवाहक है। उसका कवर्धा से ताल्लुक रखने वाली पूजा से करीब का नाता बताया रहा है। यौन शोषण मामले की जाँच के लिए निष्पक्ष और योग्य कमेटी का इंतज़ार अभी भी किया जा रहा है, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।

छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय में यौन उत्पीड़न मामले की जाँच का ज़िम्मा जिस 2001 बैच के IPS अधिकारी को सौंपा गया है, उसकी भी कार्यप्रणाली को लेकर बवाल मच गया है। बताया जाता है, कि कवर्धा में SP रहते इस अधिकारी ने जिस पूजा को अपनी गिरफ्त में लिया था, वो अभी भी उसके मोह फांस में जकड़ी हुई है। ये साहब भी डबल इंजन से लैस बताये जाते है,एक पुख्ता जानकारी के मुताबिक जाँच कमेटी में शामिल इस IG और उसकी पूजा-पाठ के चलते उनके सामने बायपास सर्जरी की नौबत आ चुकी है। हालांकि मौके की नजाकत को देखते हुए इंदौर के डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। जबकि एक हालिया सर्जरी में इस दागी IG के सीने में फ़िलहाल “स्टंड” डाल कर डॉक्टरों द्वारा “WAIT AND WATCH “ की स्थिति में रखा गया है। जानकारों के मुताबिक डॉक्टरों ने उन्हें “डबल इंजन” से दूर रहने की सलाह भी दी है, बावजूद इसके डॉक्टरों की सलाह को दरकिनार कर इन IG साहब की पूजा अभी भी निरंतर जारी बताई जाती है, महिलाओं के शौकीन और रंगीन मिज़ाजी के धनी इस अधिकारी को यौन उत्पीड़न मामले की जाँच का ज़िम्मा सौंपे जाने के मामले से प्रदेश में खलबली मच गई है। जाँच कमेटी के गठन का मामला नए विवादों में घिर गया है। उधर, कई तकनीकी खामियों का निराकरण नहीं होने के चलते राज्योत्सव 2025 की पूर्व संध्या तक रायपुर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने का मामला भी अधर में लटक गया है।

छत्तीसगढ़ में एक पुलिस अधिकारी की पत्नी और IG विवाद की परतें जिस तर्ज पर निकल रही है, उससे मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जाँच की अनिवार्य आवश्यकता जताई जाती है। अंदेशा यह भी जाहिर किया जा रहा है,कि विवादित IG की संदिग्ध भूमिका के कारण छत्तीसगढ़ पुलिस इस प्रकरण में कोई भी निष्पक्ष कार्य नहीं कर रही और ना ही करेगी ? अतः प्रकरण की विवेचना के लिए ज्यूडिशियल कमेटी का गठन किया जाना उचित प्रतीत होता है। बता दें, कि महादेव ऐप सट्टा घोटाले में सीबीआई जांच के घेरे में आए 2001 बैच के इस आईपीएस अधिकारी को सट्टा खिलाने और उसके कारोबार के सरंक्षण के लिए प्रतिमाह 30 लाख से ज्यादा की रकम सौंपी जाती थी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल गिरोह के आपराधिक मास्टर माइंड आईपीएस शेख आरिफ के ठिकानों पर भी सीबीआई ने छापेमारी की थी, उसे भी महादेव ऐप सट्टा घोटाले के कारोबारी प्रतिमाह 40 लाख से ज्यादा की रकम सौंपा करते थे। ED के रिकॉर्ड में इन दोनों अधिकारियों के काले कारनामे दर्ज बताये जाते है।

सूत्रों के मुताबिक, ED की एक चैट में यह तथ्य भी सामने आया था, कि आईपीएस शेख आरिफ मुंबई से पुणे उड़ान भरने वाली एक निजी एयरलाइंस की “परिचारिका” ( एयरहोस्टेज ) के संपर्क में थे। यह चैट सोशल मीडिया में भी खूब वायरल हुई थी। आईपीएस शेख आरिफ एवं उसकी मोबाइल चैट काफी आपत्तिजनक और आपराधिक दायरे में बताई जाती है। हालांकि छत्तीसगढ़ शासन ने इन अधिकारियों के गंभीर मामलो की जाँच को लेकर अपनी बेरुखी दिखाई है। यह भी बताया जाता है, कि आईपीएस शेख आरिफ और उनके हमराह 2001 बैच के विवादित IG, दोनों ही रायपुर पुलिस कमिश्नर बनने की दौड़ में शामिल है और बीजेपी सरकार में अपने समीकरण फिट करने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। फ़िलहाल, सब इंस्पेक्टर दंपत्ति और IG यौन उत्पीड़न मामले को लेकर आरोप- प्रत्यारोप का दौर अभी भी जारी है ,जबकि निष्पक्ष जाँच का मामला अभी भी अधर में नजर आ रहा है।
न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने शेख आरिफ समेत विवाद से जुड़े तमाम पक्षकारों से संपर्क किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई।
