रायपुर | महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर आयोजित दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र जहां राष्ट्रपिता को समर्पित रहा वहीं विपक्ष शराबबंदी जैसे मुद्दे को उठाकर सत्ता पक्ष को घेरते रही | छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के धरमजीत ने कहा कि जनता कांग्रेस के धरमजीत ने कहा कि अगर गोडसे की बात हो रही है तो शराबबंदी की बात कौन करेगा ? धरमजीत सिंह ने राज्य की नक्सल समस्या की ओर सदन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि नक्सलियों से बात करने की शुरुआत होनी चाहिए, गांधी जी भी बातचीत के जरिए बड़ी समस्या का हल निकालते थे |
उन्होंने सरकार से नई राजधानी में बनने वाले विधानसभा भवन का नाम महात्मा गांधी के नाम पर करने की भी मांग की | इधर बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सरकार शराबबंदी कर गांधीजी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकती है | शराबबंदी के लिए किसी तरह की कमेटी की जरूरत नहीं | उन्होंने कहा गांधी ने कहा था कि शराब की ब्रिकी से होने वाली आय से शिक्षा देने से अच्छा है बच्चों की ऐसे शिक्षा ना दी जाए | आज के युग मे कृत्रिम बुद्धि का उपयोग हो रहा है , आज ऐसे भी लोग है जो गांधी का उपयोग सत्ता हासिल करने के लिए करते है ,पर सेवा कम और सत्ता का भोग ज्यादा करते है | उन्होंने कहा कि सरकार आज योजना लॉन्च की और 5 योजनाओं में एक भी योजना का काम गांधी के नाम पर क्यों नही है ?
वही सदन में कांग्रेस सदस्यों ने महात्मा गांधी अमर रहे के नारे लगाये | इस नारे पर भाजपा ने भी साथ दिया | अचानक गोडसे मुर्दाबाद के नारे लगने पर भाजपा के नेता खामोश हो गए |पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि इस विधानसभा को मुर्दाबाद लगाने की जगह बनाना चाहते है | भूपेश की यही मानसिकता है | इस विधानसभा में जो कोई गांधी को मानता हो उससे पूछा जाए कि मुर्दाबाद के नारे कभी गांधी अपने जीवन मे लगाना चाहते थे, तो जवाब मिल जाएगा | गांधी का तरीका ही अहिंसा का रहा है | रमन सिंह ने शराबबंदी को लेकर सत्ता पक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि नशा बंदी गांधी का सपना रहा हो या ना हो | कांग्रेस का सपना जरूर था चुनाव के पहले, लेकिन सत्ता में आने के बाद सब इस सपने को भूल गए |