नई दिल्ली। प्रसिद्ध पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत हिरासत को उनकी पत्नी गीतांजलि जे. अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गीतांजलि ने शीर्ष अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल कर अपने पति की तत्काल रिहाई की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि वांगचुक की गिरफ्तारी असंवैधानिक है और यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है।
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर 2025 को हिरासत में लिया गया था। यह गिरफ्तारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग के दौरान हुए प्रदर्शन के बाद हुई थी। प्रदर्शन हिंसक होने के बाद प्रशासन ने उन्हें जोधपुर जेल भेज दिया।
गीतांजलि की याचिका में कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया है कि उन्हें अपने पति से मिलने और फोन पर बात करने की अनुमति दी जाए। साथ ही मामले की तुरंत सुनवाई की मांग की गई है।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी और इसे लोकतंत्र के मूल्यों की परीक्षा बताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति शांतिपूर्ण तरीके से संवैधानिक अधिकारों की मांग करता है, तो उसे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत बंद करना अन्याय है। उन्होंने सरकार से अपील की कि लोकतांत्रिक विरोध को दबाने के बजाय संवाद का रास्ता अपनाया जाए।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और सुप्रीम कोर्ट में याचिका को लेकर देशभर में नागरिक समाज और विपक्षी दलों में गहरी चिंता व्यक्त की जा रही है। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई इस मामले में महत्वपूर्ण मोड़ ला सकती है।
