
रायपुर : – छत्तीसगढ़ में विभिन्न घोटालों को लेकर ED की जाँच तेजी से आगे बढ़ रही है, इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री बघेल पर कसते शिकंजे को लेकर भी गतिरोध देखने को मिल रहा है। रायपुर सिटी कोतवाली में शिकायत कर एक कांग्रेसी कार्यकर्त्ता ने ED पर जबरिया पूछताछ के आरोप लगाए है, हालांकि हकीकत से वाकिफ पुलिस ने उसकी शिकायत पर क़ानूनी प्रक्रिया के तहत अपना तर्क देकर आरोप लगाने वाले कांग्रेसी कार्यकर्त्ता को चलता कर दिया है। दरअसल, शराब और कोल खनन परिवहन घोटाले के आरोपियों की तस्दीक और विधिक बयानों को दर्ज करने के बाद ED ने अपनी कार्यवाही तेज कर दी है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके भू – पे बघेल गिरोह में इन दिनों कोहराम मचा है। जानकारी के मुताबिक बीती रात रायपुर कोतवाली थाने में एक कार्यकर्त्ता हेमंत चंद्राकर ने ईडी के खिलाफ शिकायत सौंपी है। उसने लिखित शिकायत में ED पर पूछताछ के नाम पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित और मारपीट का करने का आरोप लगाया है। इस कार्यकर्ता के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल समेत अन्य लोगों के खिलाफ गवाही देने का ED दबाव बना रही है। रायपुर के रोहणीपुरम स्थित कंचनगंगा कॉलोनी निवासी हेमंत चंद्राकर ने दावा किया है कि 29 सितंबर को सुबह 10.30 बजे प्रवर्तन निदेशालय के रायपुर कार्यालय में उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उसके मुताबिक पूछताछ रात 8.30 बजे तक चली। इसके बाद उसे अगले दिन फिर से आने के लिए कहा गया था।

चंद्राकर ने शिकायत में आरोप लगाया है कि पूछताछ के दौरान ED ने उसे शारीरिक तौर पर प्रताड़ित और मानसिक तौर पर दबाव डाला कि वह यह स्वीकार करे कि भूपेश बघेल के लोग विजय भाटिया, रामगोपाल अग्रवाल, आशीष वर्मा, मंदीप चावला और उनके एजेंट आदित्य अग्रवाल, शाश्वत जैन, किशोर चंद्राकर, सतपाल सिंह छाबड़ा को कमीशन देकर कार्य किया गया है। बताया जाता है कि इस कांग्रेसी कार्यकर्ता की शिकायत पर पुलिस ने विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करने की हामी भरी है। उधर, यह पहला मौका नहीं है जब संदेही और आरोपी जाँच एजेंसियों के रुख पर एतराज जता रहे हो। इसके पूर्व कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी और उसका सहयोगी निखिल चंद्राकर भी ED पर ऐसे ही आरोप लगा चुके है। हालांकि सूर्यकान्त तिवारी लगभग 2 साल बाद जमानत पर रिहा हुआ है, जबकि निखिल चंद्राकर अभी भी जेल की हवा खा रहा है।

राज्य के 3200 करोड़ के शराब और 700 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल उर्फ़ बिट्टू, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, सूर्यकान्त तिवारी, नितेश पुरोहित, कारोबारी पप्पू बंसल, सौम्या चौरसिया और विजय भाटिया से पूछताछ के बाद ED के हाथ भू – पे बघेल और उनके परिवार के अन्य सदस्यों की ओर भी बढ़ने लगे है। उनकी काली कमाई का काला चिटठा एजेंसियों के हाथ लगा है।

सूत्र तस्दीक करते है कि करोडो के ”चिप्स” घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री का दामाद भी शामिल था। वह IAS समीर विश्नोई से सीधे तौर पर हर माह करोड़ो की रकम वसूलता था। यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के बेटी – दामाद, साला -साली और अन्य करीबी रिश्तेदारो ने कांग्रेस राज के 5 वर्षो में प्रदेश के कई गाँव – कस्बो में काली कमाई का बड़ा पहाड़ स्थापित कर लिया था। पूर्व मुख्यमंत्री के परिजनों की मौजूदा माली हालत और कांग्रेस राज के पूर्व की आर्थिक स्थिति का आंकलन भी किया जा रहा है।

भू – पे कुनबे की जारी पड़ताल के बीच ED पर एक बार फिर संदेहियों और आरोपियों की ओर से आरोपों का सिलसिला जारी बताया जाता है। बता दें कि जनधन की यह ”सार्वजनिक लूट” बघेल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के साथ ही शुरू हो गई थी। सरकार के लगभग सभी विभागों में सुनियोजित नेटवर्क के साथ सार्वजनिक लूट का यह देश का पहला मामला भी बताया जा रहा है। इस संगठित गिरोह के सरगना के गिरेबान पर ED के कसते शिकंजे से गिरोह की बैचनी बढ़ गई है, इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के कुनबे में खलबली देखी जा रही है। उसके लूटमार अभियान और घोटालों की तस्दीक़ को लेकर प्रवर्तन निर्देशालय ( ED ) जहाँ विधिक कार्यवाही में जुटी है, वही कई लाभार्थियों ने अपने बचाव के लिए नए रास्तों की खोजबीन शुरू कर दी है।

छत्तीसगढ़ जैसे गरीब और विकास की ओर कदम बढ़ाते प्रदेश में सरकारी योजनाओं और शासन – प्रशासन के नियमित कायदे – कानूनों को दरकिनार कर अवैध वसूली का नेटवर्क संचालित करने वाले भू – पे के खिलाफ ED ने अपनी कार्यवाही तेज कर दी है। बताया जाता है कि भू – पे राज में सत्ता के मलाई चाटने वाले कई लाभार्थी अब अपना मुँह तक खोलने से बच रहे है। उन्हें अंदेशा है कि जुबान खुलते ही भू – पे बघेल की असलियत जुबान में आ जाएगी। ऐसे में वे ED से किनारा करने में ही अपनी बेहतरी महसूस कर रहे है। जानकारी के मुताबिक ED की टीम तमाम आरोपियों और संदेहियों से दस्तावेजी और डिजिटल सबूतों के आधार पर पूछताछ में जुटी है। उसकी तफ्तीश में पूर्व मुख्यमंत्री के ग़ैरकानूनी कुकृत्यों की लम्बी दास्तान सामने आई है। फ़िलहाल, इन आरोपों को लेकर एजेंसी की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है।