
बिहार चुनाव 2025 के लिए सीमांचल में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी इस क्षेत्र की 24 सीटों पर अपने पैरों को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में AIMIM ने पांच सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए। इस बार ओवैसी रणनीतिक रूप से ‘सीमांचल न्याय यात्रा’ निकाल रहे हैं और सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि उनके दौरे से कई लोगों की नींद हराम हो गई है।
ओवैसी आरजेडी से अभी भी छह सीटों पर समझौते के लिए तैयार हैं। हालांकि हाल ही में उनके प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने लालू प्रसाद यादव के आवास का दौरा किया, लेकिन उन्हें मुलाकात नहीं मिली। इससे दोनों दलों के बीच दूरी स्पष्ट हो गई है। बावजूद इसके, AIMIM की सीमांचल कैंपेनिंग आरजेडी और महागठबंधन के लिए सिरदर्द बन गई है।
इधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी सीमांचल और कोसी इलाके में सक्रिय हैं। अररिया में वे 9 जिलों के 4,400 नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और 2025 में 225+ सीटें जीतने की रणनीति पर मंथन करेंगे। बीजेपी का फोकस अल्पसंख्यक वोटों के साथ हिंदू मतदाताओं को एकजुट करना और विपक्ष को चुनौती देना है।
सीएम नीतीश कुमार भी चुनावी तैयारियों में पीछे नहीं हैं। वे कटिहार के समेली प्रखंड का दौरा करेंगे, जहां साहित्य रत्न अनूपलाल मंडल की प्रतिमा का अनावरण और 250 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया जाएगा। जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार आचार संहिता लागू होने से पहले विकास योजनाओं को जनता के बीच प्रदर्शित कर अपने कार्यों का प्रभाव बढ़ाना चाहते हैं।