
लद्दाख। लेह मेंहुई हिंसा के बाद कारगिल शहर और आसपास के क्षेत्रों में गुरुवार को पूर्ण बंद का ऐलान किया गया। लेह में विशाल विरोध रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, जिसमें चार नागरिकों की मौत हो गई और 70 से अधिक लोग घायल हुए। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि सीआरपीएफ ने प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल का प्रयोग किया, जिसमें आंसू गैस के गोले और गोलीबारी शामिल थी।
कारगिल में बंद और एकजुटता
लेह की घटना के विरोध में कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने शहर में और आसपास के इलाकों में पूर्ण बंद का आह्वान किया। बाजार, दुकानें और सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। स्थानीय लोगों ने बंद को लेह में मारे गए नागरिकों के प्रति एकजुटता का प्रतीक बताया। केडीए प्रवक्ता ने कहा, “हम लेह में अपने भाइयों के साथ हैं। निर्दोष लोगों की मौत अस्वीकार्य है और हमारी मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण संघर्ष जारी रहेगा।”
लेह में कर्फ्यू और सुरक्षा
प्रशासन ने हिंसा की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कर्फ्यू लागू किया है, और लोगों की आवाजाही पर कड़ी पाबंदी लगाई गई है। वरिष्ठ अधिकारी और सुरक्षा बल लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
राजनीतिक मांगें और विरोध का कारण
लद्दाख में यह अशांति लंबे समय से राजनीतिक मांगों से जुड़ी है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए, ताकि क्षेत्र की भूमि, नौकरियों और सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा हो सके। उपराज्यपाल प्रशासन ने हिंसा को क्षेत्र को अस्थिर करने की साजिश बताया, जबकि स्थानीय समूह लेह एपेक्स बॉडी ने इसे जनता के स्वाभाविक गुस्से का परिणाम बताया।