
नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने 24 सितंबर 2025 को रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से मध्यम दूरी की Agni-P मिसाइल का सफल प्रक्षेपण किया। यह अगली पीढ़ी की मिसाइल 2000 किमी तक मारक क्षमता रखती है और अत्याधुनिक तकनीकी विशेषताओं से लैस है। इस परीक्षण में DRDO और सामरिक बल कमान (SFC) की टीम ने मिलकर काम किया।
रेल आधारित लॉन्चर की विशेषताएँ
यह पहला अवसर है जब विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से मिसाइल का परीक्षण किया गया। यह सिस्टम पूरे रेल नेटवर्क पर गतिशील रूप से संचालन कर सकता है। इसमें क्रॉस-कंट्री मोबिलिटी, कम समय में लॉन्च क्षमता और कम विजिबिलिटी के साथ प्रहार क्षमता मौजूद है। लॉन्चर पूर्णतः स्वायत्त है और इसमें उन्नत संचार प्रणाली, स्वतंत्र लॉन्च विकल्प और सुरक्षा तंत्र शामिल हैं।
Agni-P मिसाइल की प्रहार क्षमता
Agni-P मिसाइल कैनिस्टराइज्ड, दो-स्तरीय और ठोस ईंधन आधारित है, जो तेज़ लॉन्च में सक्षम बनाती है। इसमें रिंग लेजर जिरोस्कोप आधारित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम और उपग्रह मार्गदर्शन प्रणाली लगी है, जिससे यह लक्ष्य पर सटीक प्रहार कर सकती है। यह मिसाइल पारंपरिक और परमाणु वारहेड दोनों ले जाने की क्षमता रखती है, जिससे भारत की स्ट्रैटेजिक डिटरेंस और मजबूत होती है।
परीक्षण और उपलब्धि
मिसाइल की ट्रैजेक्टरी को विभिन्न ग्राउंड स्टेशनों से ट्रैक किया गया और परीक्षण पूर्णतः सफल रहा। यह उपलब्धि भविष्य में रेल आधारित मिसाइल प्रणालियों के सेवाओं में शामिल होने का मार्ग खोलती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और DRDO प्रमुख ने इस ऐतिहासिक सफलता पर वैज्ञानिकों और तकनीकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह परीक्षण भारत को उन चुनिंदा देशों में शामिल करता है जिन्होंने रेल नेटवर्क से कैनिस्टर आधारित लॉन्च प्रणाली विकसित की है।