रायपुर ; – आरएसएस के पूर्व प्रांत प्रचारक शांताराम का निधन हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह समेत बीजेपी के कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। इन नेताओं ने आज राजधानी रायपुर स्थित जागृति मंडल, पंडरी पहुँचकर छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रांत प्रचारक श्रद्धेय शांताराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि श्रद्धेय शांताराम जी संघ के वरिष्ठ प्रचारक थे और उनका मेरे साथ गहरा आत्मीय संबंध रहा है। वे सदैव अभिभावक के समान स्नेह और मार्गदर्शन प्रदान करते रहे। उनका निधन संघ परिवार, समाज और प्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि मेरे लिए भी व्यक्तिगत क्षति है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना करते हुए कहा कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा सभी शुभचिंतकों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने श्रद्धेय शांताराम जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे हमारे लिए पिता तुल्य थे। उन्होंने मदकूदीप को पुनर्जीवित कर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी विनम्रता तथा जीवन मूल्यों से सभी के आदर्श बने। संघ के वरिष्ठ प्रचारक के रूप में उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता और स्वयंसेवकों को परिवार मानकर निरंतर मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री रहते हुए भी मुझे उनका स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। उन्होंने कहा कि उनके निधन से पूरा प्रदेश शोकाकुल है।

श्री हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू के पुरातात्विक और आध्यात्मिक वैभव को पुनः प्रतिष्ठित करने के मामले में शांताराम का विशेष योगदान रहा है। वे संघ के वरिष्ठ प्रचारक थे, शांताराम का 94 वर्ष की आयु में रायपुर में निधन हो गया। उनकी पिछले कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक में प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहते हुए नौकरी छोड़ी और आरएसएस में शामिल हो गए। उन्होंने उच्च सरकारी पद और सुविधाओं का त्याग कर हिंदू समाज को संगठित करने का संकल्प लिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक कार्यकर्ता रहते हुए उन्होंने क्रमशः जिला, विभाग, प्रांत प्रचारक और क्षेत्र सम्पर्क प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन किया था।

शांताराम का व्यक्तित्व सेवा, संगठन और समाजोत्थान की अदम्य भावना से ओत-प्रोत था। वर्ष 1990 से उन्होंने हरिहर क्षेत्र केदार द्वीप मदकू को पुनः स्थापित और विकसित करने का मिशन अपनाया। उनके मार्गदर्शन और अथक प्रयासों से यह क्षेत्र न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से पुनर्जीवित हुआ, बल्कि शोधकर्ताओं और श्रद्धालुओं का प्रमुख आकर्षण भी बना। शोक की इस बेला में कैबिनेट मंत्री टंकराम वर्मा, गजेंद्र यादव, गुरु खुशवंत साहेब, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडे, विधायक अनुज शर्मा एवं मोतीलाल साहू, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अमरजीत छाबड़ा, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, कृषि कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष चंद्रहास चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में स्वयंसेवक एवं आमजन उपस्थित थे।
