उत्तर भारत में बाढ़ का कहर
उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हालात बेहद खराब हैं। पंजाब में 1988 के बाद सबसे भयंकर बाढ़ आई है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियां उफान पर हैं। 12 जिलों में अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है और 56 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
राहुल गांधी की पीएम मोदी से अपील
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि केंद्र सरकार तुरंत बाढ़ प्रभावित राज्यों के लिए विशेष राहत पैकेज का ऐलान करे। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मोदी जी, पंजाब और उत्तर भारत में हालात बेहद गंभीर हैं। ऐसे में केंद्र की त्वरित मदद और ध्यान जरूरी है।”
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और राहत कार्यों में तेजी लाए। खासतौर पर किसानों के लिए राहत पैकेज की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि बारिश और बाढ़ से उनकी फसलें और जमीन बुरी तरह तबाह हो चुकी हैं।
हिमाचल और उत्तराखंड की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और फ्लैश फ्लड से दो महिलाओं की मौत हो गई। राज्य में 1000 से अधिक सड़कें बंद हैं और कांगड़ा, मंडी, सिरमौर और किन्नौर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शिमला में सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है।
उत्तराखंड में भी लगातार बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।
केंद्र की प्रतिक्रिया का इंतजार
राहुल गांधी की इस मांग को कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नेताओं का समर्थन मिल रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि केंद्र सरकार कब तक राहत पैकेज का ऐलान करती है और बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाती है।
