पीएम मोदी पर अपशब्द: सियासत में हर बार बना बोझ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विपक्षी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियाँ अक्सर चुनावी मुद्दा बन जाती हैं। पीएम मोदी पर अपशब्द का इस्तेमाल विपक्ष को जितना फायदा पहुंचाने की कोशिश करता है, उतना ही वह उल्टा नुकसान भी कर देता है। हाल ही में बिहार के दरभंगा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के मंच से मोदी और उनकी स्वर्गीय मां पर अभद्र टिप्पणी ने नया विवाद खड़ा कर दिया। इस मामले में पटना की अदालत ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और मुकेश सहनी समेत चार नेताओं के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया है।
विवादित बयानों की लंबी लिस्ट
सालों से विपक्ष मोदी को घेरने के लिए अपशब्दों का सहारा लेता रहा है।
- 2007 में सोनिया गांधी ने उन्हें “मौत का सौदागर” कहा।
- 2014 में मणिशंकर अय्यर ने “चायवाला” कहकर तंज कसा।
- 2019 में राहुल गांधी ने “चौकीदार चोर है” का नारा दिया।
- 2023 में मल्लिकार्जुन खड़गे ने “जहरीला सांप” बताया।
- और 2025 में, बिहार में उनकी मां को लेकर अपशब्द कहे गए।
हर बार इन बयानों ने मोदी को राजनीतिक लाभ और विपक्ष को नुकसान ही पहुंचाया।
पीएम मोदी की प्रतिक्रिया
चीन-जापान दौरे से लौटने के बाद मोदी ने भावुक होकर कहा— “मेरी मां का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। यह अपमान हर मां-बेटी का है।” उन्होंने विपक्ष से माफी की मांग करते हुए बिहार की सांस्कृतिक परंपराओं का भी जिक्र किया।
