इंदौर,: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में शुमार शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बीते 48 घंटों में यहां गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में भर्ती दो नवजात शिशुओं को चूहों ने काट लिया। घटना सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।
अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि चूहों ने एक नवजात की अंगुलियों पर काटा, जबकि दूसरे शिशु के सिर और कंधे पर दांत गड़ा दिए। उन्होंने कहा कि दोनों बच्चे जन्मजात बीमारियों से जूझ रहे थे। इनमें से एक बच्चा खरगोन जिले में लावारिस हालत में मिला था और उसे इलाज के लिए एमवायएच लाया गया था।
डॉ. यादव ने कहा कि इस गंभीर घटना की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है, जो यह पता लगाएगी कि इसमें किसकी लापरवाही रही। उन्होंने कहा, “कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि अस्पताल में चौबीसों घंटे निगरानी रखी जाए ताकि आगे ऐसी घटना न हो। खिड़कियों पर लोहे की मजबूत जालियां लगवाई जा रही हैं और मरीजों के परिजनों से कहा गया है कि वे बाहर से खाने-पीने का सामान वार्ड में न लाएं, क्योंकि यही चूहों को आकर्षित करता है।”
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पुराने भवनों और बरसात के मौसम की वजह से चूहों की समस्या बढ़ी है। हालांकि, प्रबंधन का दावा है कि जल्द ही चूहों को नियंत्रित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
इस बीच, घटना पर राजनीति भी गरमा गई है। कांग्रेस ने सरकार और अस्पताल प्रशासन को घेरते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला ने कहा, “यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं बल्कि मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाली भयावह घटना है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि इस घटना ने पूरे प्रदेश के माता-पिता के मन में भय और असुरक्षा की भावना भर दी है। “अगर सरकार अस्पताल में भी नवजात बच्चों को सुरक्षित नहीं रख पा रही, तो आम जनता अपनी सुरक्षा की उम्मीद कैसे करे?” उन्होंने सवाल उठाया।
एमवायएच अस्पताल में हुई इस घटना ने न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि अस्पतालों की साफ-सफाई और सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा की है।
