
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए 50% आयात शुल्क ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई बहस छेड़ दी है। ट्रम्प की टैरिफ नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व व्हाइट हाउस अधिकारी और बाइडन प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके जेक सुलिवन ने कहा कि यह अमेरिका की ब्रांड छवि को नुकसान पहुंचा रही है। उनका मानना है कि इस कदम से भारत और चीन के बीच सहयोग गहरा हो सकता है, जो रणनीतिक दृष्टि से अमेरिका के लिए नुकसानदेह है।
वैश्विक साख पर असर
सुलिवन ने द बलवर्क पॉडकास्ट में कहा कि पहले अमेरिका की लोकप्रियता कई देशों में चीन से अधिक थी, लेकिन अब स्थिति उलट गई है। ट्रम्प के टैरिफ ने अमेरिका को एक “अस्थिर शक्ति” की छवि दी है। भारत जैसे देश, खासकर 2020 के गलवान संघर्ष के बाद संबंधों में सुधार के चलते, अब चीन के साथ सहयोग बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं। यह स्थिति अमेरिका की लंबे समय से चली आ रही साझेदारी की कोशिशों को कमजोर कर रही है।
विशेषज्ञों की आलोचना
ट्रम्प की टैरिफ नीति को लेकर आलोचना केवल सुलिवन तक सीमित नहीं है। पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने इसे “अल्टीमेटम की नीति” बताते हुए कहा कि यह वैश्विक संबंधों को नुकसान पहुंचा रही है। वहीं, ट्रम्प के पूर्व सहयोगी जॉन बोल्टन ने चेतावनी दी कि यह कदम भारत को रूस और चीन के और करीब ले जा सकता है। अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स और विशेषज्ञ क्रिस्टोफर पडिला ने भी इस नीति को अमेरिका की विश्वसनीयता के लिए खतरा करार दिया।