जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में भारतीय सेना ने शनिवार (30 अगस्त) को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की। यहां मुठभेड़ में कुख्यात आतंकी समंदर चाचा, जिसे ‘ह्यूमन जीपीएस’ और ‘समंदर खान’ के नाम से भी जाना जाता था, ढेर कर दिया गया। उसके साथ एक अन्य पाकिस्तानी घुसपैठिया भी मारा गया। यह ऑपरेशन आतंकी नेटवर्क के लिए करारा झटका माना जा रहा है।
तीन दशक से PoK में सक्रिय
सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, समंदर चाचा पिछले 30 वर्षों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में रह रहा था। 1995 से सक्रिय यह आतंकी गुरेज और आसपास के इलाकों की भौगोलिक जानकारी के लिए कुख्यात था। कठिन पहाड़ी रास्तों और गुप्त मार्गों को लेकर उसकी विशेषज्ञता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी।
‘ह्यूमन जीपीएस’ की भूमिका
समंदर चाचा ने 100 से अधिक घुसपैठ के प्रयासों में आतंकियों का मार्गदर्शन किया, जिनमें से कई सफल रहे। इसी कारण आतंकी संगठन उसे ‘ह्यूमन जीपीएस’ कहते थे। हालांकि वह हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर था, लेकिन उसने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों की भी मदद की।
घुसपैठ की कोशिश में मारा गया
सूत्रों के अनुसार, 28 अगस्त की रात समंदर चाचा नौशेरा नार इलाके से घुसपैठ की योजना बना रहा था। खुफिया जानकारी के आधार पर सेना ने उसे घेर लिया। मुठभेड़ में वह और उसका साथी आतंकी ढेर हो गए। तलाशी अभियान अगले दिन सुबह तक जारी रहा।
आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका
सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि समंदर चाचा की मौत से आतंकी संगठनों के लॉजिस्टिक और घुसपैठ नेटवर्क को गहरा आघात पहुंचा है। वर्षों तक सेना की पकड़ से बचने वाला यह आतंकी आखिरकार मारा गया। अधिकारियों ने कहा कि इस सफलता से सुरक्षा बलों का मनोबल और ऊंचा हुआ है तथा आतंकवाद के खिलाफ जंग और मजबूत हुई है।
