गुजरात। स्पेशल कोर्ट ने शुक्रवार, 29 अगस्त को 2018 के बिटकॉइन अपहरण और उगाही मामले में 14 लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इसमें पूर्व बीजेपी विधायक नलिन कोटडिया, अमरेली के पूर्व एसपी जगदीश पटेल और नौ पुलिस कांस्टेबल शामिल हैं।
मामला क्या था?
दोषियों ने सूरत के कारोबारी शैलेश भट्ट का अपहरण कर उनसे 200 बिटकॉइन (लगभग 12 करोड़ रुपये) की उगाही की थी। जांच में पता चला कि भट्ट स्वयं 8000 करोड़ रुपये के बिटकॉइन व्यवसाय से जुड़े धोखाधड़ी में शामिल थे। इसके अलावा, उन्होंने आयकर अधिकारी बनकर सूरत के धवल मवानी से 2,256 बिटकॉइन (145 करोड़ रुपये से अधिक) की उगाही की थी।
पुलिस और विधायक की मिलीभगत
सीआईडी की जांच में खुलासा हुआ कि कोटडिया, पुलिस अधिकारी जगदीश पटेल, नौ कांस्टेबल और एक वकील केतन पटेल ने भट्ट की धोखाधड़ी का पता चलने पर उससे उगाही की साजिश रची। इस गिरोह ने भट्ट का गांधीनगर में अपहरण किया। भट्ट ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सीआईडी को जांच सौंपी गई।
अदालत का सख्त रुख
स्पेशल जज (एंटी-करप्शन ब्यूरो) भरत भास्करभाई जादव ने कहा, “भ्रष्टाचार न केवल समाज के नैतिक ताने-बाने को प्रभावित करता है, बल्कि देश की आर्थिक स्थिरता और प्रगति को भी नुकसान पहुंचाता है।” अदालत ने 25 गवाहों के पलटने पर भी सख्ती दिखाते हुए झूठी गवाही के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया।
गुजरात की इस कड़ी कार्रवाई ने यह संदेश दिया कि भ्रष्टाचार और उगाही के मामलों में कोई भी सुरक्षित नहीं है।
