रायपुर। राज्यसभा सांसद और LPU के संस्थापक चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने 27 अगस्त को एलपीयू कैंपस में अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक्स पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया। यह कदम राष्ट्रव्यापी ‘स्वदेशी 2.0’ आंदोलन की शुरुआत है, जो अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर टैरिफ दोगुना करने के विरोध में उठाया गया। डॉ. मित्तल ने इसे “पाखंड और धौंसपट्टी” करार देते हुए कहा कि भारत किसी के आगे नहीं झुकेगा।
स्वदेशी आंदोलन की याद
डॉ. मित्तल ने 1905 के स्वदेशी आंदोलन की भावना को याद करते हुए कहा कि जैसे तब ब्रिटिश उत्पादों का बहिष्कार किया गया था, आज भी भारत को अपनी ताकत दिखानी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि एलपीयू में अमेरिकी सॉफ्ट ड्रिंक्स पर प्रतिबंध देशभर को संदेश देता है कि भारत अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता बनाए रखेगा।
व्यापार और आर्थिक प्रभाव
यह कदम ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ दोगुना कर दिया गया है। इससे भारत-अमेरिका आर्थिक तनाव बढ़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य होने के बावजूद, निर्यात केवल जीडीपी का 2% है और घरेलू मांग पर आधारित अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
भारत की आर्थिक मजबूती
भारत की आर्थिक विविधता, मजबूत बैंकिंग सिस्टम और घरेलू उपभोग इसे वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाते हैं। ‘स्वदेशी 2.0’ आंदोलन न केवल आर्थिक स्वावलंबन को बढ़ावा देगा, बल्कि राष्ट्रीय गौरव को भी सशक्त करेगा।
