पीएम मोदी ने दिखाया उदाहरण
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को बड़ा खुलासा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में स्पष्ट कहा कि उन्हें किसी भी बिल में अपवाद (exception) के रूप में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। रिजिजू के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि वे भी एक नागरिक हैं और उन्हें किसी विशेष सुरक्षा की जरूरत नहीं है।
संविधान संशोधन बिल क्या कहता है?
हाल ही में संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने तीन अहम बिल पेश किए— संविधान (130वां संशोधन) बिल, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल और केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) बिल। इनका प्रावधान है कि यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री लगातार 30 दिन जेल में रहे और अपराध की सजा पांच साल या उससे अधिक की हो, तो उन्हें अपने पद से हटना होगा।
रिजिजू का बयान
रिजिजू ने कहा कि नैतिकता राजनीति में महत्वपूर्ण है। उन्होंने माना कि अधिकांश मुख्यमंत्री भाजपा से हैं, लेकिन अगर वे गलती करते हैं, तो उन्हें भी पद छोड़ना चाहिए। उनका मानना है कि अगर इस बिल को नैतिकता के आधार पर देखा जाता, तो विपक्ष इसका स्वागत करता।
विपक्ष का विरोध
विपक्षी दलों ने इन संशोधनों को कठोर और संविधान विरोधी बताया है। उनका आरोप है कि इन विधेयकों का इस्तेमाल विपक्ष शासित राज्यों को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा और केंद्रीय एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई होगी।
संसद में हंगामा
अमित शाह द्वारा ये तीनों बिल पेश किए जाने पर संसद में भारी हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने बिल की प्रतियां फाड़कर केंद्रीय गृहमंत्री की ओर फेंकीं। अंततः बिलों को ध्वनि मत से पारित कर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया।
