
दिल्ली / रायपुर : – छत्तीसगढ़ में घोटालों के सीरियल ब्लास्ट के सामने आने के बाद ED रिमांड में पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल के पुत्र चैतन्य उर्फ़ बिट्टू बघेल ने कई बड़े खुलासे किये है। पूछताछ में जुटी ED को उन रहस्यों पर से पर्दा हटने की उम्मीद है, जिन पर अब तक चैतन्य बघेल चुप्पी साधे हुए थे। उन्हें कोर्ट के निर्देश पर 5 दिनों की ED रिमांड में भेजा गया था। आरोपी से पूछताछ का दौर अब अंतिम चरणों में है, रिमांड अवधि ख़त्म होने की मियाद करीब बताई जाती है, पूछताछ के आख़िरी चंद घंटे भू -पे बघेल पर भारी बताए जाते है। बिट्टू से जारी पूछताछ पूर्व मुख्यमंत्री का भविष्य तय होने से जोड़ कर देखी जा रही है। 3200 करोड़ के शराब घोटाले में ED रिमांड के दौरान जारी पूछताछ कई मायनों में महत्वपूर्ण बताई जा रही है। सूत्रों का दावा है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र की स्वीकारोक्ति घोटाले की अहम कड़ी साबित हुई है।

रायपुर में ED दफ्तर के भीतर आरोपी से जारी गहन पूछताछ के मद्दे नजर पूर्व मुख्यमंत्री की सांसे फूली हुई है। वे जाँच में अड़ंगा डालने के लिए ED दफ्तर के बाहर कई मौंको पर डेरा डाल रहे है। कभी पुत्र से मिलने के लिए बेताबी तो कभी पूछताछ के दौरान मुँह बंद रखने को लेकर भी चैतन्य तक संदेशा पहुंचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बघेल जमकर हाथ पाँव मारते देखें जा रहे है। जानकारी के मुताबिक कभी वकीलों के फौज – फाटे के साथ तो कभी राजनैतिक विरोध के नाम पर अपने समर्थकों के हुजूम के साथ बघेल ED दफ्तर में अपनी लगातार मौजूदगी दर्ज करा रहे है। पुत्र के रिमांड के दौरान एक बार फिर ED दफ्तर की चौकसी करने का मामला भी सामने आया है।

रायपुर में बिट्टू से पिछले दिनों से जारी पूछताछ का दौर अब आखिरी पड़ाव की ओर बताया जा रहा है। जानकारी सामने आई है कि सबूतों और गवाहों को आमने – सामने रखकर एजेंसी आरोपी बिट्टू से पूछताछ में जुटी है। इस दौरान भिलाई – दुर्ग के कई कारोबारी और संदिग्ध भी ED दफ्तर के इर्द – गिर्द मंडराते देखें जा रहे है। सूत्र बताते है कि अब तक की पूछताछ में उन तथ्यों की हक़ीक़त आरोपी ने जाहिर की है, जिसे लेकर अब तक वो चुप्पी साधे हुए था। उसकी तस्दीक के बाद अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री और उनके करीबी कई वरिष्ठ IAS – IPS अफसरों की मुश्किलें आने वाले दिनों बढ़ सकती है। अनुपातहीन संपत्ति और आय के स्रोतों से जुड़े कई काले कारनामों में चैतन्य बघेल की हिस्सेदारी सामने आई थी। सूत्र यह भी तस्दीक करते है कि प्रदेश के तमाम बड़े घोटालों के पीछे भू – पे का ”हाथ” एजेंसियों को साफ़ – साफ़ नजर आने लगा है। जबकि दिल्ली पुलिस ने भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले आरोपी राजेश खिमजी से रिमांड में जारी पूछताछ के बाद कार्यवाही तेज कर दी है।

दिल्ली पुलिस जल्द ही चौकाने वाली हकीकत बयां करने की तैयारी में है। उसने आरोपी राजेश के उन मददगारों की ख़ोजबीन शुरू कर दी है, जिन्होंने उसे आर्थिक मदद दी थी। आरोपी के 10 दोस्तों की तलाश शुरू हो गई है, इनमे से कुछ हिरासत में भी लिए गए है। बताया जा रहा है कि पुलिस को गुमराह करने के लिए डॉग लवर वाली थ्योरी फैलाई गई थी। जबकि जाँच में राजनैतिक साजिश की ”बू” आने लगी है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर बुधवार को जनसुनवाई के दौरान राजकोट निवासी राजेश खिमजी ने उनके सिविल लाइंस स्थित आवास में हमला बोला था। आरोपी से पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस को 5 दिन की रिमांड में भेजा गया था। दिल्ली पुलिस ने आरोपी राजेश खिमजी के एक दोस्त को राजकोट से आज शुक्रवार को हिरासत में लिया है। आरोप है कि राजेश को उसके इसी दोस्त ने मोटी रकम ट्रांसफर की थी। दिल्ली पुलिस उन 10 लोगों की तलाश कर रही है, जो कॉल और मैसेज के जरिए आरोपी के संपर्क में थे। जानकारी के मुताबिक एक अन्य संदिग्ध को आज शाम तक दिल्ली लाया जाएगा। न्यूज़ टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की टीम राजकोट में उन पांच अन्य लोगों के बयान भी दर्ज कर रही है, जिनका वीडियो डेटा आरोपी के मोबाइल फोन पर मिला था।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। राजकोट पुलिस के साथ समन्वय किया जा रहा है। खुफिया ब्यूरो (आईबी) समेत केंद्रीय एजेंसियां भी जांच में शामिल हो गई हैं। हमले के बाद मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। सीआरपीएफ के जवान और दिल्ली पुलिस की टीम सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ मुख्यमंत्री आवास में डटी है। ”CM सुरक्षा” सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री आवास और कार्यालय के आसपास अतिरिक्त सुरक्षा बल भी तैनात किए गए हैं। फ़िलहाल दोनों ही मामलों में जाँच एजेंसियों के कदम गौरतलब बताये जाते है।