
बिलासपुर : – आल इंडिया सर्विस के अधिकारीयों के वैधानिक कर्तव्यों को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय का सख्त रुख सामने आया है। उसने तीन आईएएस और दो अन्य अधिकारियों को अवमानना का दोषी ठहराया है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 से विचाराधीन एक मामले में अदालत ने कड़ा रुख जाहिर किया है। जानकारी के मुताबिक जेल विभाग में पदस्थ फार्मासिस्ट वर्ग-दो के कर्मियों ने शिकायत की थी कि उन्हें अन्य विभागों के फार्मासिस्टों की तुलना में कम वेतन दिया जा रहा है। फार्मासिस्टों ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इंसाफ़ की मांग की थी।

अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन, राज्य शासन ने इस फैसले को लागू करने के बजाय हाईकोर्ट में अपील दायर कर दी। हालांकि इस अपील को अदालत ने खारिज करते हुए राज्य सरकार को बैरंग लौटा दिया। जबकि पीड़ित याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट के फैसले को लागू करने में अफसरशाही की लापरवाही और देरी पर आपत्ति दर्ज करते हुए कोर्ट की अवमानना याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश रविंद्र कुमार अग्रवाल की कोर्ट ने पूर्व आदेशों की अवमानना को प्रामाणिक मानते हुए आईएएस अविनाश चंपावत, हिमशिखर गुप्ता और अमित कटारिया के खिलाफ 50 – 50 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। जबकि जेल महानिर्देशक आईपीएस हिमांशु गुप्ता और प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ को भी अवमानना नोटिस जारी किया है। जानकारी के मुताबिक मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी