
अलवर : – अलवर में भतीजे पर रेप का केस दर्ज करवाने वाली महिला को ही कोर्ट ने दोषी करार दे दिया है। उसे पॉक्सो कोर्ट नंबर-4 ने 20 साल की सजा सुनाई है। इस कलयुगी महिला के कारनामों के चलते उसके 9 महीने के बेटे को भी उसके साथ जेल में रहना पड़ेगा। दरअसल, यह बच्चा अपनी माँ पर आश्रित है। इस महिला ने आरोप लगाया था कि रिश्ते में लगने वाले भतीजे ने उसके साथ रेप किया था। उसकी शिकायत पर भतीजा कई दिनों तक प्रताड़ित रहा। हालांकि पुलिस जांच में मामला ठीक उल्टा निकला। जानकारी के मुताबिक परिजनों के घर से बाहर जाते ही यह महिला मौज़ – मस्ती के लिए अपने नाबालिग भतीजे को बुलाती थी। किन्ही कारणों से भतीजे ने अपनी चाची से दूरियां बना ली थी। इससे बिफरी चाची ने अपने भतीजे को ही सबक़ सीखाने की ठान ली थी। महिला ने आरोप लगाया था कि भतीजा पिछले छह महीनों से उसके साथ जबरदस्ती कर रहा था और फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देता था।

मामले की सुनवाई के दौरान पाक्सो मामलों की जज हिमांकनी गौड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा- ‘चाची का दर्जा मां समान होता है। ऐसा कृत्य शर्मसार करने वाला है। अलवर में रेप का झूठा आरोप लगाने वाली इस महिला को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है। पुलिस के मुताबिक शिकायतकर्ता महिला ने अपने नाबालिग भतीजे को फंसाने की साजिश रची थी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और दोनों के बीच कॉल रिकॉर्डिंग खंगाली। जांच में सामने आया कि छह महीने के दौरान दोनों के बीच 832 बार मोबाइल पर बातचीत हुई थी, जिससे पुलिस को मामला संदिग्ध लगा। जांच में यह भी स्पष्ट हुआ कि जिस समय कथित घटनाएं हुईं, उस समय भतीजा नाबालिग था।

अलवर के इस चौंकाने वाले मामले में, रेप का आरोप लगाने वाली महिला को ही कोर्ट ने दोषी पाया है। इस फैसले के चलते उसका 9 महीने का बेटा भी मजबूरी में माँ के साथ जेल में पृथक से रहेगा। गौरतलब है कि पहले महिला ने खुद को पीड़ित बताते हुए आरोप लगाया था कि उसके नाबालिग भतीजा ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। पुलिस जांच में सच्चाई कुछ और ही निकली। आरोप लगाने वाली महिला ही भतीजे का शोषण कर रही थी। वो घर के अन्य सदस्यों के बाहर जाने पर उस नाबालिग को बुलाती थी। सरकारी वकील प्रशांत यादव ने जानकारी दी कि तिजारा थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने 11 अगस्त 2024 को अपने नाबालिग भतीजे के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अदालत में सभी आवश्यक सबूत और गवाह प्रस्तुत किए। इन प्रमाणों के आधार पर कोर्ट ने एक महिला को दोषी ठहराते हुए उसे 20 साल की सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि मुकदमे के दौरान महिला गर्भवती थी और बाद में उसने एक बेटे को जन्म दिया जो अब 9 महीने का है।