नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के समापन के बाद भाजपा और एनडीए सहयोगी दल बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटने वाले हैं। एनडीए की ओर से विधानसभा स्तर पर सम्मेलन अभियान 23 अगस्त से शुरू होगा।
सम्मेलन अभियान के दो चरण
- पहला चरण: 15 दिनों तक चलेगा और इसमें उन सीटों पर सम्मेलन होंगे जहाँ पिछली बार एनडीए ने जीत दर्ज की थी।
- दूसरा चरण: पहले चरण के बाद शुरू होगा, जिसमें उन सीटों पर ध्यान दिया जाएगा जहाँ एनडीए उम्मीदवार बहुत कम अंतर से हार गए थे। इस चरण में 52 विधानसभा सीटें शामिल होंगी।
पांच टीमों का गठन
बीजेपी नेताओं ने बताया कि इस अभियान के लिए पाँच टीमें बनाई गई हैं, हर टीम में चार-चार नेता होंगे। इनका काम विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जाकर सम्मेलन करना और छोटी-छोटी सभाएं आयोजित करना है।
सरकार की उपलब्धियों पर जोर
इस बार एलजेपी (रामविलास पासवान) भी NDA का हिस्सा है, जिससे गठबंधन मजबूत माना जा रहा है। सम्मेलनों में जनता को बिहार सरकार की विकास योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी दी जाएगी।
विपक्ष के बयानों पर प्रतिक्रिया
एनडीए नेताओं का कहना है कि इन सम्मेलनों के जरिए राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव जैसे विपक्षी नेताओं के बयानों की पोल खोली जाएगी। विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब भी सम्मेलन के दौरान जनता को दिया जाएगा।
पकड़ मजबूत करने की रणनीति
बीजेपी नेताओं ने बताया कि अभियान चरणबद्ध तरीके से पूरे बिहार में चलाया जाएगा।
दूसरा चरण: हार वाली सीटों पर ध्यान
इसके बाद बाकी सीटों पर भी रणनीति के तहत कार्यक्रम होंगे।
पहला चरण: NDA की मजबूत सीटों पर केंद्रित
