
रायपुर : – मनी – लॉन्ड्रिंग के एक सुनियोजित खेल में पूर्व मुख्यमंत्री बाप – बेटे बुरी तरह से उलझे बताये जा रहे है। ED ने भू – पे बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से दूसरे दौर की पूछताछ को लेकर अदालत से 5 दिनों की रिमांड मांगी है। ED रिमांड मांगे जाने का मसला सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और उनकी टोली अदालत से लेकर दिल्ली के राजनैतिक गलियारों तक सक्रीय बताई जाती है।

यह भी बताया जा रहा है कि इस बार पुत्र चैतन्य बघेल की ED रिमांड भू – पे बघेल के गले की फांस साबित हो सकती है, यही कारण है कि एजेंसी ने 5 दिनों तक पूछताछ के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जल्द ही ED की याचिका पर सुनवाई के आसार जाहिर किये जा रहे है। उधर जेल की हवा खा रहे चैतन्य बघेल की जुडिशल रिमांड 31 अगस्त तक बढ़ गई है। उन्हें सोमवार को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया गया था। 3200 करोड़ के शराब घोटाले में मोटी रक़म की हिस्सेदारी सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भू -पे बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को ED ने महीने भर पहले धर – दबोचा था। गौरतलब है कि 18 जुलाई की सुबह ईडी की टीम ने बघेल के भिलाई स्थित घर पर छापा मारकर चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। अब, न्यायिक रिमांड की अवधि 14 दिन के लिए बढ़ने के बाद चैतन्य उर्फ़ बिट्टू 31 अगस्त तक जेल में रहेंगे।

इधर, एक नए मामले में विवेचना कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम को कई ऐसे तथ्य प्राप्त हुए है, जिन्हे पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के खिलाफ पुख्ता सबूतों के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री बाप – बेटे को आमने – सामने बैठा कर भी पूछताछ के आसार जाहिर किये जा रहे है। यह भी बताया जा रहा है कि चैतन्य बघेल की विभिन्न कंपनियों में सालाना करोड़ो की नगदी उनके तत्कालीन मुख्यमंत्री पिता के निर्देश पर विभिन्न व्यक्तियों द्वारा नगदी के रूप में जमा की जाती थी। भिलाई – दुर्ग के कई कारोबारियों के अलावा पूर्व आबकारी सचिव AP त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, सौम्या चौरसिया, अनिल टुटेजा, कारोबारी पप्पू बंसल और विजय भाटिया से पूछताछ के बाद ED ने चैतन्य बघेल की 5 दिन की कस्टोडियल रिमांड मांगी है। उसके आवेदन दाखिल करते ही पूर्व मुख्यमंत्री की सक्रियता में तेजी आई है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री अब खुद के बचाव के लिए सत्ताधारी दल के कई प्रभावशील बंगलो की ओर दस्तक देते, देखें जा रहे है। उनकी दिल्ली दौड़ को ”कुनबे” के बचाव की कवायत से जोड़कर देखा जा रहा है। बताते है कि पुत्र चैतन्य की तर्ज पर बेटी दामाद, साले समेत अन्य रिश्तेदारों की झोली में भी घोटालों की रकम से करोड़ो की चढ़ोत्तरी की गई थी।

सूत्रों के मुताबिक चैतन्य से होने वाली पूछताछ को टालने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है। उधर रायपुर स्पेशल कोर्ट में अर्जी दाखिल होने के बाद चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड पर आज सुनवाई के आसार है। चैतन्य के खिलाफ शराब घोटाले में 16.70 करोड़ की अवैध कमाई के पुख्ता सबूत ED के हाथ लगे है। ED के मुताबिक शराब घोटाले से प्राप्त ब्लैक मनी को भिलाई में विभिन्न रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्ट किया गया था। एजेंसियों ने अदालत को बताया है कि पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र ने ब्लैक मनी को वाइट करने के लिए फर्जी निवेश दिखा कर सिंडिकेट के साथ कुल 1 हजार करोड़ की हैंडलिंग (हेराफेरी) की थी। उसके द्वारा विट्ठल ग्रीन प्रोजेक्ट (बघेल डेवलपर्स) में हजारों करोड़ का बेनामी इन्वेस्ट किया गया था। इस प्रोजेक्ट से जुड़े कई एकाउंट और दस्तावेजों की पड़ताल जारी बताई जाती है। इस प्रोजेक्ट के कंसल्टेंट राजेन्द्र जैन ने पूछताछ के दौरान साफ़ किया था कि, बघेल डेवलपर्स प्रोजेक्ट में वास्तविक खर्च 13-15 करोड़ के लगभग था। जबकि हेर – फेर कर रिकॉर्ड में मात्र 7.14 करोड़ का निवेश ही दिखाया गया था।

विवेचना के दौरान एजेंसियों ने पूर्व मुख्यमंत्री के ठिकाने से जब्त डिजिटल डिवाइसेस को भी ओपन कर लिया है। इसमें पता चला कि, बघेल की कंपनी ने एक ठेकेदार को 4.2 करोड़ कैश पेमेंट किया था। हालांकि आयकर को सौंपे गए ब्यौरे में इस मोटी रकम को भी रिकॉर्ड में नहीं दर्शाया गया है। फ़िलहाल, चैतन्य उर्फ़ बिट्टू बघेल से ED की दूसरे दौर की पूछताछ काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है, अंदेशा तो यह भी जाहिर किया जा रहा है कि इस पूछताछ के ख़त्म होते ही घोटालों के सरगना पूर्व मुख्यमंत्री को भी तलब किया जा सकता है।