नई दिल्ली/कटक, 15 अगस्त 2025 — दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने 14 अगस्त 2025 को कटक (ओडिशा) में कहा कि समस्या का स्थायी समाधान कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने से नहीं बल्कि उनकी आबादी नियंत्रित करने से मिलेगा। भागवत ने यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर की, जिसमें आठ सप्ताह में आवारा कुत्तों को आवासीय इलाकों से हटाकर शेल्टर में भेजने का निर्देश दिया गया था। वही आदेश वर्तमान में पुनः सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया है।
कटक के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में आयोजित धार्मिक सभा में बोलते हुए भागवत ने कहा, “यह समस्या केवल आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रित करके ही हल हो सकती है। शेल्टर में रखकर समस्या का स्थायी हल नहीं निकलेगा।” उन्होंने जीवों के जीने के अधिकार पर भी ज़ोर दिया और कहा कि मनुष्य और प्रकृति के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।
भागवत ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में गाय से निकले दूध का कुछ हिस्सा मनुष्य ले लेते हैं और बाकी बछड़े के लिए छोड़ देते हैं—यह प्रकृति और मानव के बीच संतुलन का नमूना है। उन्होंने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर ही प्रकृति का संरक्षण संभव है।
इस सभा में देशभर से 500 से अधिक संत उपस्थित थे। भागवत, जो स्वयं वैटरनरी साइंस के स्नातक भी हैं, ने कहा कि प्रकृति से जुड़े कई मुद्दों का समाधान पारंपरिक तरीकों और संतुलित व्यवहार से संभव है। उन्होंने किसानों की पारंपरिक कृषि पद्धतियों का भी समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय धरती उपजाऊ बनी रहती है क्योंकि हमारे किसान धरती का अति-शोषण नहीं करते।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजने के निर्देश पर गुरुवार को पुनः सुनवाई हुई; स्पेशल बेंच — जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजारिया — ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। इस मुद्दे पर प्रशासनिक, कानूनी और पशु-कक्ष संबंधी संगठनों के बीच बहस जारी है, जिसमें निजी और सार्वजनिक दोनों स्तरों पर जनहित, सार्वजनिक सुरक्षा और पशु कल्याण के संतुलन की जटिलता उभरकर आ रही है।
कटक में अपने कार्यक्रम के बाद भागवत पुरी के लिए रवाना हुए; उन्होंने वहां गोवर्धन पीठ के दर्शन किए और शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से भी मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।
प्रमुख बिंदु
मोहन भागवत का मत: आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रित करना ही स्थायी हल है; शेल्टर में भेजना पर्याप्त नहीं।
संदर्भ: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों में शेल्टर भेजने का आदेश दिया था; मामला पुनः सुनवाई के बाद सुरक्षित रखा गया।
स्थान-काल: कटक, ओडिशा — जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम, 14 अगस्त 2025।
