
जॉन बोल्टन का आरोप: ट्रंप की नीति भारत-अमेरिका रिश्तों के लिए हानिकारक
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भारत के खिलाफ अनावश्यक रूप से कठोर कदम उठाने का आरोप लगाया है।
बोल्टन का कहना है कि भारत पर लगाए गए भारी-भरकम टैरिफ से दोनों देशों के बीच दशकों से चले आ रहे रणनीतिक संबंधों को नुकसान हो सकता है।
ट्रंप प्रशासन का टैरिफ फैसला
- कुल टैरिफ: 50%
- पहला चरण: 25% शुल्क — 7 अगस्त से प्रभावी
- दूसरा चरण: 25% अतिरिक्त शुल्क (रूस से तेल आयात) — 27 अगस्त से लागू
- ट्रंप का तर्क: भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुनाफे के लिए बेच रहा है, जिससे रूस-यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है।
- ट्रंप का बयान: “जब यूक्रेन में लोग मर रहे हैं, भारत का यह कदम अनुचित है।”
बोल्टन की चेतावनी: रणनीतिक गलती
बोल्टन ने इस नीति को “उल्टा” और “रणनीतिक भूल” करार दिया।
उनका कहना है कि:
- यह कदम द्विपक्षीय व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा।
- भारत को रूस और चीन के करीब धकेल सकता है।
- अमेरिका का दशकों का प्रयास — भारत को रूस और चीन से दूर रखना — कमजोर पड़ जाएगा।
चीन पर नरमी, भारत पर सख्ती का आरोप
बोल्टन ने ट्रंप प्रशासन पर नीति में पक्षपात का आरोप लगाया:
- चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन उस पर कोई अतिरिक्त टैरिफ या प्रतिबंध नहीं लगाए गए।
- भारत पर सख्ती और चीन पर नरमी — यह भारत में नाराजगी पैदा कर रही है।
बोल्टन ने कहा:
“यदि व्हाइट हाउस बीजिंग को न्यू दिल्ली से अधिक रियायत दे रहा है, तो यह गंभीर रणनीतिक चूक होगी।”
अमेरिका की विश्वसनीयता पर असर
बोल्टन का मानना है कि यह टैरिफ भारत के मन में लंबे समय तक नकारात्मक छवि छोड़ सकता है।
इससे अमेरिका की विश्वसनीयता पर सवाल उठ सकते हैं और इंडो-पैसिफिक रणनीति कमजोर हो सकती है।