महाराष्ट्र में मीट बैन पर मचा घमासान
महाराष्ट्र में 15 अगस्त मीट बैन को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका (KDMС) ने आदेश जारी कर स्वतंत्रता दिवस पर सभी स्लॉटरहाउस और मीट की दुकानों को बंद रखने को कहा है। अधिकारियों के मुताबिक, यह आदेश 1989 में जारी राज्य सरकार के निर्देशों के तहत है और पिछले 15 सालों से लागू हो रहा है। लेकिन इस बार, विपक्ष, मीट व्यापारियों और नागरिकों के बीच यह फैसला विवाद का कारण बन गया है।
विपक्षी दलों की नाराजगी
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि धार्मिक अवसरों पर मीट बिक्री पर रोक समझ में आती है, लेकिन राष्ट्रीय पर्वों पर इसकी जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में मांसाहार खानपान का अहम हिस्सा है।
शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे ने केडीएमसी आयुक्त को निलंबित करने की मांग करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर क्या खाना है, यह लोगों का व्यक्तिगत अधिकार है। उन्होंने उदाहरण दिया कि उनके घर में नवरात्रि पर भी झींगा और मछली प्रसाद में शामिल होती है।
अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
एनसीपी (एसपी) नेता जितेंद्र आव्हाड ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हुए 15 अगस्त को डोंबिवली में मटन खाने की घोषणा की। समाजवादी पार्टी विधायक रईस शेख ने आरोप लगाया कि यह आदेश एक समुदाय को निशाना बनाता है और व्यापार को नुकसान पहुंचाएगा। वहीं, शिवसेना विधायक विश्वनाथ भोइर ने आदेश का समर्थन किया।
विरोध की चेतावनी
हिंदू खटीक समाज ने चेतावनी दी है कि आदेश नहीं हटाया गया तो 15 अगस्त को केडीएमसी दफ्तर के बाहर सांकेतिक मीट दुकान लगाकर विरोध होगा। नागपुर और मालेगांव में भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू होंगे। अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के रुख पर हैं।
