सोनिया गांधी मतदाता सूची विवाद: अमित मालवीय के गंभीर आरोप
बिहार में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर राजनीति गर्म है। विपक्ष जहां बीजेपी और चुनाव आयोग को घेर रहा है, वहीं BJP के राष्ट्रीय आईटी विभाग प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है। उनका दावा है कि सोनिया गांधी का नाम भारत की मतदाता सूची में दो बार शामिल हुआ, जबकि वह उस समय भारतीय नागरिक भी नहीं थीं।
मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पुराना रिकॉर्ड साझा करते हुए कहा कि 1980 में सोनिया गांधी का नाम पहली बार मतदाता सूची में दर्ज हुआ, जबकि वह तब इतालवी नागरिक थीं और भारतीय नागरिकता नहीं रखती थीं। उस समय गांधी परिवार प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आधिकारिक निवास, 1 सफदरजंग रोड पर रहता था। मतदाता सूची में यह नाम 1 जनवरी 1980 की अर्हता तिथि मानकर जोड़ा गया।
कानून के मुताबिक, मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए भारतीय नागरिकता आवश्यक है। मालवीय के अनुसार, भारी विरोध के बाद 1982 में उनका नाम हटाया गया, लेकिन 1983 में यह फिर जुड़ गया—जबकि उन्हें भारतीय नागरिकता 30 अप्रैल 1983 को ही मिली थी।
मालवीय ने आरोप लगाया कि यह चुनावी कानून का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि सोनिया गांधी का नाम पहले एक इतालवी नागरिक के रूप में और फिर भारतीय नागरिक बनने से पहले सूची में दर्ज हुआ। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि राजीव गांधी से शादी के 15 साल बाद तक उन्होंने भारतीय नागरिकता लेने में देरी क्यों की।
