राष्ट्रीय मुद्दे पर विजय का मुखर रुख
तमिलनाडु के उभरते अभिनेता-नेता विजय ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने बिहार मतदाता सूची में कथित हेरफेर के खिलाफ राहुल गांधी के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन और विपक्षी सांसदों की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के लिए चिंताजनक करार दिया। विजय ने कहा—
“निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव ही संविधान की आत्मा को जीवित रख सकते हैं।”
राहुल गांधी के विरोध का समर्थन
दिल्ली में जब राहुल गांधी और विपक्षी सांसद चुनाव आयोग की ओर मार्च कर रहे थे, तभी उन्हें हिरासत में ले लिया गया। विजय ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक देश में शांतिपूर्ण विरोध पर कार्रवाई अस्वीकार्य है।
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि उनकी पार्टी टीवीके बिहार मतदाता सूची की समीक्षा पर सवाल उठाने वाली पहली राजनीतिक पार्टी थी।
निष्पक्ष चुनाव पर ज़ोर
विजय ने कहा—
- चुनाव तभी विश्वसनीय होंगे जब वे पूर्ण पारदर्शिता और निष्पक्षता से कराए जाएं।
- चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति सभी दलों की सहमति से होनी चाहिए।
- संविधान की रक्षा लोकतंत्र की नींव है और लोगों का चुनाव प्रणाली पर भरोसा जरूरी है।
राहुल गांधी के आरोपों पर चुप्पी
हालांकि विजय ने विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया, लेकिन बिहार मतदाता सूची में गड़बड़ी के राहुल गांधी के विशिष्ट आरोपों पर सीधे टिप्पणी नहीं की।
राहुल गांधी का दावा है—
- 1 लाख से अधिक फर्जी वोटर
- डुप्लीकेट एंट्री, फर्जी पते
- एक ही पते पर कई वोटर
- गलत फोटो और फॉर्म 6 का दुरुपयोग
2026 के लिए रणनीति
विजय 2026 तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उतरने की तैयारी में हैं।
एआईएडीएमके पर अब तक कोई हमला नहीं — गठबंधन की संभावना बनी हुई है।
डीएमके: राजनीतिक दुश्मन
बीजेपी: वैचारिक दुश्मन
