रांची: झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (जेएसएससी) ने रविवार देर रात मध्य विद्यालयों में सहायक आचार्य की नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा का परिणाम जारी किया। कुल 15001 पदों में से सिर्फ 5775 अभ्यर्थी पास हुए, जबकि 9226 पद खाली रह गए, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर चिंता बढ़ गई है।
सामाजिक अध्ययन विषय में सर्वाधिक सफलता दर्ज की गई है। 5002 पदों पर 3033 अभ्यर्थी सफल हुए, जिनमें 1864 गैर पारा और 1169 पारा श्रेणी के उम्मीदवार शामिल हैं। हालांकि, 1969 पद अभी भी रिक्त हैं। पलामू जिले ने सबसे अधिक 297 सफल अभ्यर्थी दिए, इसके बाद गिरिडीह, चतरा, देवघर और रांची जैसे जिलों का नंबर है।
विज्ञान और गणित विषयों में सफलता दर कम रही। 5008 पदों के लिए केवल 1683 अभ्यर्थी चयनित हुए, जिससे 3325 पद खाली रह गए। भाषा विषय की स्थिति सबसे चिंताजनक है, जहां 4991 पदों में से केवल 1059 पदों पर ही उम्मीदवार सफल हुए और 3932 पद खाली रह गए।
पारा श्रेणी में बड़ी कमी देखी गई है। 7400 आरक्षित पदों में से 5838 अभी भी खाली हैं, जबकि गैर पारा श्रेणी में 7601 पदों में से 3388 भरे गए हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी कम सफलता दर से ग्रामीण और दूरदराज के स्कूलों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ेगा।
जेएसएससी ने कहा है कि परिणाम झारखंड हाईकोर्ट के आदेशों के अधीन हैं और जरूरत पड़ने पर संशोधन किया जाएगा। कुछ उम्मीदवारों के परिणाम फिलहाल रोक दिए गए हैं। इस कमी से राज्य के शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता बनाए रखना एक बड़ी चुनौती बन गई है।
