नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले के आरोपी क्रिश्चियन मिशेल की रिहाई याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। स्पेशल जज संजय जिंदल ने कहा कि मिशेल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 467 लागू है, जिसमें उम्रकैद की सजा का प्रावधान है, इसलिए यह नहीं माना जा सकता कि उसने अधिकतम सजा पूरी कर ली है।
कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मिशेल से पूछा कि बेल बांड क्यों नहीं भर रहे हैं, तो उन्होंने बताया कि सजा की अधिकतम सात साल की कैद की अवधि पूरी होने के बाद बेल बांड पर कठोर शर्तें नहीं लगनी चाहिए। मिशेल ने अपनी व्यक्तिगत परेशानियों का भी जिक्र किया, जिसमें मां की मृत्यु और पत्नी का साथ न देना शामिल था।
वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मिशेल की याचिका का कड़ा विरोध किया। ED ने बताया कि संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पण संधि की धारा 17 के मुताबिक प्रत्यर्पित आरोपी पर न केवल उस मामले में बल्कि संबंधित अन्य मुकदमों में भी कार्रवाई हो सकती है। ED ने दुबई सुप्रीम कोर्ट के 2 सितंबर 2018 के फैसले और मिशेल की गिरफ्तारी तिथि 22 दिसंबर 2018 का हवाला देते हुए कहा कि सात साल की अधिकतम सजा अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए रिहाई संभव नहीं है।
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला क्या है?
यह मामला 3600 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ा है, जिसमें 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद में कथित गड़बड़ी हुई। सीबीआई और ED दोनों ने मिशेल को January 2019 में गिरफ्तार किया था। मिशेल को दिसंबर 2018 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। 23 अक्टूबर 2020 को कोर्ट ने सीबीआई की पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था।
चार्जशीट में वायुसेना के पूर्व प्रमुख एसपी त्यागी के रिश्तेदार संदीप त्यागी समेत 13 आरोपी शामिल हैं।
मिशेल को पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली हाईकोर्ट और सीबीआई से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
