
हापुड़ (उत्तर प्रदेश):
गढ़ कोतवाली क्षेत्र के छोटे बाजार में स्थित एक बंद पड़े सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत बुधवार को अचानक भरभराकर गिर गई। गनीमत रही कि एक महिला कुछ ही सेकंड पहले वहां से गुजर चुकी थी, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया। घटना का वीडियो पास में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया है। इस हादसे के बाद क्षेत्रीय लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है और उन्होंने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े किए हैं।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह सरकारी स्कूल कई सालों से बंद पड़ा हुआ था और उसकी हालत बेहद जर्जर थी। क्षेत्रवासियों ने कई बार प्रशासन से इस इमारत को गिरवाने या दुरुस्त करवाने की मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बीते कुछ दिनों की लगातार बारिश ने आखिरकार इस कमजोर ढांचे को जमींदोज कर दिया।
महिला की जान बची, लेकिन सवाल बरकरार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक महिला जैसे ही इमारत के पास से गुजरी, वैसे ही पूरी बिल्डिंग भरभराकर ढह गई। अगर कुछ सेकंड का फर्क होता, तो महिला की जान जा सकती थी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
दूसरी घटना से भी नहीं लिया सबक?
हापुड़ की यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब कुछ ही दिन पहले, 2 अगस्त को, गोरखपुर के बालापार ग्राम पंचायत के कंपोजिट विद्यालय में जर्जर छत से प्लास्टर गिरने से एक छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया था। छात्र की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है और उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। उस घटना ने भी शिक्षा विभाग और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया था, मगर लगता है कि व्यवस्थाएं तब तक नहीं जागतीं जब तक कोई बड़ा हादसा न हो जाए।
जनता का सवाल: कब जागेगा सिस्टम?
लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश भर में कई सरकारी स्कूलों की इमारतें जर्जर हालत में हैं और वे बच्चों व आमजन के लिए खतरा बन चुकी हैं। बावजूद इसके, जिम्मेदार अधिकारियों और विभागों की नींद नहीं टूट रही। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या किसी की जान जाने के बाद ही प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा?
निष्कर्ष:
हापुड़ की घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रशासनिक लापरवाही आम नागरिकों के जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है। अब समय आ गया है कि सरकार और प्रशासन जागे और ऐसी जर्जर इमारतों के खिलाफ तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी मासूम की जान न जाए।