रायपुर / दिल्ली : देश में जारी धर्मांतरण के मामलों से छत्तीसगढ़ भी अछूता नहीं है यहाँ वर्षो से धर्म परिवर्तन को लेकर ईसाई मिशनरीज और हिंदूवादी संगठनों के बीच संघर्ष की स्तिथि देखी गई है | प्रदेश के आदिवासी इलाको में धर्मांतरण का मामला एक बार फिर गरमाया हुआ है। प्रदेश के दुर्ग जिले से गिरफ्तार ननो के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने सड़को पर उतरने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए कांग्रेस आलाकमान भी एक्टिव मोड़ में बताया जा रहा है। बता दें कि जीआरपी और पुलिस के एक दल ने इसी हप्ते रविवार को दो नन सहित तीन अन्य लोगों को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर कथित मानव तस्करी और जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मामले को लेकर जमकर बवाल हुआ। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक की शिकायत स्थानीय पुलिस और जीआरपी से की थी। आरोप था कि दोनों ”नन” नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर जमकर नारेबाजी की थी। बवाल के बाद मौंके पर पहुंची पुलिस ने सभी 5 यात्रियों को GRP के हवाले कर दिया था।

मामले की विवेचना के बाद GRP थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में आरोपी ननो के खिलाफ धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया था। गिरफ्तार ननो के साथ एक अन्य को स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था। VHP और बजरंग दल ने यह भी आरोप लगाया है कि कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को बढ़ावा दे रहा है। इन संगठनों के मुताबिक देश -प्रदेश में हिन्दुओं पर जारी अत्याचार को लेकर कांग्रेस आलाकमान कतई गंभीर नहीं है। राहुल गाँधी हिन्दू पीड़ितों से दूरियां बनाकर एक ट्वीट तक नहीं करते, लेकिन धर्मांतरण के धंधे में शामिल कथित आरोपियों पर जरा सी आंच आने पर हंगामा खड़ा कर देते है।

आज रायपुर में एक बार फिर केरल के सांसदों ने दुर्ग सेंट्रल जेल का रुख किया है। कांग्रेस सांसदों के इस प्रतिनिधि मंडल में केरल के अलावा अन्य प्रदेशों के सांसद भी शामिल बताये जाते है, जो दिल्ली में जारी संसद सत्र को दरकिनार कर रायपुर में डेरा डाले हुए है। सांसदों के इस समूह ने दुर्ग जेल में बंद दोनों ननों से मुलाक़ात के बाद रायपुर में विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। जानकारी के मुताबिक आज सुबह रायपुर पहुंचे केरल के चार सांसदों के एक दल ने स्थानीय कांग्रेसी नेताओं के साथ विचार विमर्श किया। इसके बाद सांसदों ने राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है।
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जानकारी के मुताबिक ननो की गिरफ़्तारी से बिफरे कांग्रेसी सांसद DGP समेत पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारियो से भी गिरफ्तार ननो को रिहा करवाने को लेकर मुलाकात कर रहे है। सांसद कोडिकुन्निल सुरेश, एंटो एंटनी, डीन कुरियाकोसे और हिबी ईडन ने कांग्रेस आलाकामान के निर्देश पर एक रिपोर्ट भी तैयार की है, माना जा रहा है कि दिल्ली पहुंचते ही सांसदों का यह डेलिगेशन पार्टी आलाकमान को घटनाक्रम से अवगत कराएगा। रायपुर में दस्तक देते ही सांसद हिबी ईडन ने पत्रकारों से कहा कि बेबुनियाद और झूठे आरोपों के आधार पर दुर्ग में दो ननो की गिरफ्तारी की गई है। वे इस मामले को लेकर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपना विरोध जाहिर करेंगे। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमले से पूरे देश में कांग्रेस का स्टैंड साफ़ है। उनके मुताबिक तीन हफ़्ते पहले उड़ीसा में प्रीस्ट से मारपीट हुई, उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर भारत में जहां-जहां मिशनरी एजुकेशन और हेल्थ का काम कर रहे हैं. वहां रिलीजियस प्रीचिंग नहीं दी जाती है।

उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के नेता कह रहे कि मामले की NIA कोर्ट में सुनवाई होगी. फिर पांच दिन क्यों जेल में ननो को रखा? सांसद कुरियाकोसे और हिबी ईडन ने पत्रकारों से केरल का जिक्र करते हुए कहा कि उनके प्रदेश में 25 लाख लोग बाहर से आ कर काम करते है, यहां के लोग भी बाहर जाकर काम कर सकते हैं. ये संवैधानिक अधिकार है और उन्हें अपना धर्म बदलने का भी अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्योति नामक व्यक्ति सबको धमकी दे रहे है, ननों पर गलत आरोप लगाए गए हैं. ये अन्याय हो रहा है. उनका साथ देने हम सभी आये हैं और केरल में बीजेपी का भी यही स्टैंड है. केरल के सेक्युलर लोग नन्स के साथ हैं।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस सांसदों का यह डेलिगेशन दूसरी बार रायपुर पंहुचा है। उधर, बजरंग दल, VHP समेत अन्य हिंदूवादी संगठन भी कांग्रेसी सांसदों के दौरों को लेकर सक्रिय बताये जाते है। वे सांसदों के आरोपों को निराधार और राजनीति से प्रेरित बता रहे है। गौरतलब है कि ननो की गिरफ़्तारी की खबर लगते ही इससे पहले भी अन्य सांसदों का एक समूह रायपुर पंहुचा था। इसमें INDI गठबंधन के सांसदों के आलावा केरल के भाजपा नेताओं के भी शामिल होने की जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक 29 जुलाई को INDI गठबंधन के 5 सदस्यों ने दुर्ग जेल में दोनों ननों से मुलाकात के बाद CM विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की थी। फ़िलहाल, ननो की गिरफ़्तारी से केरल तक बवाल मचा है। धर्मांतरण के मामले ने राजनैतिक रंग लेना भी शुरू कर दिया है।
