नई दिल्ली। भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने बुधवार को लोकसभा के शून्यकाल में भोजन की कीमतों और मात्रा में एकरूपता की मांग करते हुए सरकार से नया कानून लाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देशभर के ढाबों, होटलों और रेस्तरां में परोसे जाने वाले व्यंजनों की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा में भारी असमानता है, जिससे आम जनता को भ्रम और नुकसान दोनों होता है।
रवि किशन ने उदाहरण देते हुए कहा, “एक समोसा कभी 10 रुपये में तो कहीं 100 रुपये में वड़ा पाव मिलता है, और साधारण दाल तड़का की कीमत 100 रुपये से लेकर 1,000 रुपये तक हो सकती है।” उन्होंने इसे उपभोक्ताओं के साथ अन्यायपूर्ण बताया और कहा कि मेन्यू कार्ड में केवल कीमत होती है, मात्रा नहीं, जिससे ग्राहक भ्रमित होते हैं और भोजन का वेस्टेज भी बढ़ता है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसा कानून बनाया जाए, जिससे हर व्यंजन की कीमत, गुणवत्ता और मात्रा का मानक तय किया जा सके। इससे उपभोक्ताओं को उनके पैसे की सही कीमत मिलेगी और खाद्य अपव्यय भी रुकेगा।
रवि किशन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कई क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव किए हैं, लेकिन खाद्य मूल्य निर्धारण और मानकीकरण जैसे विषयों पर अब तक अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह आम आदमी से जुड़ा अहम मुद्दा है और इससे भोजन की पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकार मजबूत होंगे।
