
नई दिल्ली:
भारत और रूस के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ गहरी दोस्ती अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को रास नहीं आ रही है। यही कारण है कि ट्रंप लगातार भारत पर एकतरफा और आक्रामक फैसले थोप रहे हैं। बीते 16 घंटे में ट्रंप ने न केवल भारत से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाया है, बल्कि अब उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को ‘Dead Economy’ तक कह डाला है।

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रूथ सोशल अकाउंट पर एक भड़काऊ पोस्ट शेयर करते हुए भारत और रूस दोनों की अर्थव्यवस्थाओं पर तंज कसा। उन्होंने लिखा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि भारत रूस के साथ क्या करता है, लेकिन वे दोनों मिलकर अपनी Dead Economies को और नीचे गिरा सकते हैं।”
ट्रंप की भारत पर तीखी प्रतिक्रिया, रूस को भी घेरा
ट्रंप ने न केवल भारत, बल्कि रूस के साथ उसके व्यापारिक रिश्तों पर भी खुलकर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि अमेरिका और रूस को आपस में व्यापार नहीं करना चाहिए और ब्रिक्स जैसे संगठन अमेरिका के खिलाफ काम कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा, “ब्रिक्स संगठन अमेरिका की अर्थव्यवस्था और डॉलर की ताकत को कमजोर करने की साजिश है और भारत इसमें भागीदार बन रहा है।”

1 अगस्त की डेडलाइन अब अटल, कोई राहत नहीं
अमेरिकी प्रशासन ने पहले टैरिफ लागू करने की डेडलाइन 9 जुलाई से बढ़ाकर 1 अगस्त कर दी थी, लेकिन अब ट्रंप ने साफ कर दिया है कि इसे और आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने लिखा, “1 अगस्त अमेरिका के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा, इस बार कोई छूट नहीं दी जाएगी।”
भारत पर 25% टैरिफ का तगड़ा झटका
30 जुलाई की रात ट्रंप प्रशासन ने अचानक घोषणा की कि भारत से अमेरिका आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगेगा। इसके अलावा उन्होंने भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका से कम सामान खरीदता है जबकि अमेरिका भारतीय सामानों का बड़ा आयातक है। ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत के टैरिफ कई बार 100% से 175% तक पहुंचते हैं।

6 भारतीय पेट्रोलियम कंपनियों पर प्रतिबंध
ट्रंप का अगला निशाना वे भारतीय कंपनियां बनीं जो ईरान के साथ व्यापार करती हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने एलकेमिकल सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड और जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड समेत 6 कंपनियों को ईरान से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पाद खरीदने के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया। यह कार्रवाई अमेरिका के कार्यकारी आदेश (E.O.) 13846 के तहत की गई है।
कूटनीतिक तनाव और व्यापार युद्ध की आहट
ट्रंप की इन कार्रवाइयों से साफ है कि भारत और अमेरिका के रिश्तों में दरार गहराती जा रही है। अमेरिका का यह रुख न केवल भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, बल्कि रूस और भारत के बीच गहराते संबंधों को लेकर पश्चिमी देशों की चिंता भी बढ़ा रहा है।
निष्कर्ष:
डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयानों और निर्णयों से भारत-अमेरिका संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। पुतिन-मोदी की दोस्ती को लेकर ट्रंप की बौखलाहट कहीं दोनों देशों के व्यापारिक और रणनीतिक हितों को प्रभावित न कर दे, यह देखने वाली बात होगी। आने वाले समय में भारत सरकार की प्रतिक्रिया और नीति ही बताएगी कि वह इस दबाव का सामना कैसे करती है।