नई दिल्ली – देश के गोल्ड मार्केट में बीते पांच सालों से एक बड़ा ‘सोने’ का खेल चुपचाप चलता रहा, जिससे सरकार को ₹100 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने हाल ही में इस घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें कई ज्वैलरी कंपनियों पर टैक्स चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं।
क्या है टैक्स चोरी की ‘चालाकी’?
जांच में सामने आया कि कुछ ज्वैलरी कंपनियां LIFO (Last-In-First-Out) नामक अकाउंटिंग पद्धति का इस्तेमाल कर रही थीं, जो कि साल 2017 के बाद पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके जरिए कंपनियां यह दिखा रही थीं कि उन्होंने महंगे दाम पर खरीदा गया सोना पहले बेच दिया है। इससे उनका मुनाफा कम दिखता था और टैक्स भी बहुत कम भरना पड़ता था।

वहीं, कानूनी रूप से अब केवल दो ही तरीके मान्य हैं –
FIFO (First-In-First-Out)
Weighted Average Cost
इन दोनों तरीकों से मुनाफा सही रूप में सामने आता है और टैक्स की चोरी नहीं हो सकती।
कैसे पकड़ा गया मामला?
इनकम टैक्स विभाग ने जब कुछ कंपनियों के खातों की गहराई से जांच की, तो पाया गया कि एक ज्वैलरी कंपनी ने ही ₹100 करोड़ से ज्यादा टैक्स बचा लिया। विभाग को शक है कि ऐसे कई और नाम भी इसी तरीके से टैक्स चोरी कर रहे हैं और अब वे जांच के दायरे में हैं।
कोर्ट ने भी लगाई फटकार
जब एक ज्वैलर ने कोर्ट में LIFO अपनाने की मांग की, तो अदालत ने सख्ती से इनकार करते हुए कहा कि ICDS-II के तहत यह पूरी तरह अवैध है। टैक्स में हेराफेरी करने वालों को अब कोई राहत नहीं मिलेगी।
हर साल महंगा होता गया सोना
सोने की बढ़ती कीमतों के बीच ये टैक्स फ्रॉड और भी गंभीर हो जाता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो:
2018: ₹31,000 प्रति 10 ग्राम
2019: ₹35,000
2021: ₹48,720
2024: ₹77,913
2025 (वर्तमान): ₹97,681 प्रति 10 ग्राम
अब सवाल उठता है – जब सोने की कीमतें इस कदर बढ़ रही हों, तो कोई कंपनी ये कैसे दिखा सकती है कि उसे कोई खास मुनाफा ही नहीं हुआ?
विशेषज्ञों की राय
चार्टर्ड अकाउंटेंट पारस सावला के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास पूरा अधिकार है कि वो किसी भी कंपनी के अकाउंटिंग मेथड की जांच कर सके। अगर यह साबित हो जाता है कि जानबूझकर मुनाफा कम दिखाया गया, तो उस पर टैक्स के साथ-साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
अब क्या होगा?
जांच एजेंसियों की नजर अब गोल्ड सेक्टर की उन सभी कंपनियों पर है जो LIFO या अन्य गैर-कानूनी पद्धतियों से टैक्स चोरी कर रही हैं। आने वाले समय में कई बड़े नामों पर कार्रवाई हो सकती है।
निष्कर्ष:
सोने की चमक अब सिर्फ जेवरों में ही नहीं, टैक्स चोरी में भी दिख रही है। लेकिन इनकम टैक्स विभाग की सख्ती और कोर्ट की स्पष्टता से अब ये ‘गोल्डन घोटाला’ ज्यादा दिन नहीं चल पाएगा।
