मैनचेस्टर। IND vs ENG मैनचेस्टर टेस्ट का अंतिम दिन न केवल रोमांचक बल्लेबाजी के लिए याद किया जाएगा, बल्कि इंग्लिश कप्तान बेन स्टोक्स और भारतीय कोच गौतम गंभीर के बीच टकराव के लिए भी। भारतीय बल्लेबाज रविंद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर ने ड्रॉ की पेशकश को ठुकरा दिया ताकि वे अपने शतक पूरे कर सकें — और यही बात स्टोक्स को नागवार गुज़री।
पांचवें दिन के अंतिम घंटे में जब भारत मज़बूत स्थिति में था, जडेजा 89 और सुंदर 85 रन पर खेल रहे थे। स्टोक्स ने अंपायरों से ड्रॉ का प्रस्ताव दिया, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने खेलने का फैसला किया। नतीजा? जडेजा ने शानदार छक्का जड़कर अपना पांचवां टेस्ट शतक पूरा किया और सुंदर ने भी अपने करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ा।
जैसे ही ड्रॉ घोषित हुआ, दोनों टीमें एक-दूसरे से हाथ मिला रही थीं, लेकिन स्टोक्स ने जडेजा से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। यह व्यवहार चर्चा का विषय बन गया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच गौतम गंभीर ने एक अंग्रेजी रिपोर्टर के सवाल पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “अगर कोई बल्लेबाज 90 या 85 पर है, तो क्या उसे शतक बनाने का हक नहीं? क्या इंग्लैंड का कोई खिलाड़ी इस मौके पर मैदान छोड़ता? सुंदर ने अपना पहला टेस्ट शतक बनाया — ये पल उनके करियर का है।”
गंभीर के बयान ने साफ किया कि टीम इंडिया अपने खिलाड़ियों के सम्मान और प्रयासों के पीछे खड़ी है। वहीं, स्टोक्स की प्रतिक्रिया को “अस्पोर्टिंग” करार दिया जा रहा है।
