मैनचेस्टर टेस्ट में भारत की गेंदबाजी पूरी तरह से नाकाम रही और इसका असर सीधे स्कोरबोर्ड पर दिखा। इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और जैक क्रॉली ने भारतीय गेंदबाजों की जमकर खबर ली। इस प्रदर्शन के बाद पूर्व भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने टीम मैनेजमेंट और कोच गौतम गंभीर की रणनीति पर सवाल उठाए हैं।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि कुलदीप यादव को नजरअंदाज करना हैरान करने वाला फैसला है, खासकर ऐसे समय में जब टीम के मुख्य गेंदबाज अकाश दीप, अर्शदीप सिंह और नीतीश रेड्डी चोटिल हैं। उन्होंने कहा, “अगर किसी ने मुझे सीरीज से पहले कहा होता कि कुलदीप चारों टेस्ट नहीं खेलेंगे, तो मैं भरोसा नहीं करता।”
अश्विन ने यह भी कहा कि टीम बल्लेबाजी गहराई के नाम पर विकेट लेने वाले गेंदबाजों की कुर्बानी दे रही है। उन्होंने शार्दुल ठाकुर का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्हें सिर्फ 5 ओवर दिए गए और 35 रन लुटाए गए। “अगर शार्दुल से सिर्फ 20-30 रन और 5 ओवर की उम्मीद थी, तो फिर कुलदीप को बाहर क्यों किया गया?” अश्विन ने यह सवाल उठाते हुए रणनीति को ‘समझ से परे’ बताया।
अश्विन का मानना है कि मौजूदा समय में पिचें बल्लेबाजों के लिए बनी होती हैं और मैच जीतने के लिए गेंदबाजों की धार जरूरी है। ऐसे में कुलदीप जैसे स्पिनर को बाहर रखना टीम की रणनीतिक चूक हो सकती है।
