नेता जी पूरे जोशो-खरोश के साथ डीएसपी के कमरे में दाखिल हुए थे | गए तो थे अपने “पैरों” से चल कर , लेकिन लौटे समर्थकों के “कंधों” पर सवार होकर | कह रहे थे “अरे बाप” | हद तो तब हो गई जब कराह रहे टूटे-फूटे “नेताजी” को “एम्बुलेंस” का इंतजार करने के लिए कहा गया |